कविता में प्रत्येक शब्द और पंक्ति पर विचार करते हैं लेकिन कहानी में नहीं। कहानी की भी उसी तरह से व्याख्या होनी चाहिए | नामवर पर विश्व…
आगे पढ़ें »रेशम के लच्छे जैसी स्वर लहरियाँ | नामवर पर विश्वनाथ - 1 नामवरजी ने आलोचक के रूप में जितनी ख्याति पाई उतनी ख्याति वह कवि रूप में भी पा…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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