ह० अमीर खुसरो के लेखन शैली की एक अतिउत्कृष्ट ग़ज़ल है "जिहाले मिस्किन", जिसमे फारसी और हिंदी दोनों का एक साथ प्रयोग करते हुए, वो अपने महबूब, महबूब-ए-इलाही ह० निजामुद्दीन औलिया के प्रति अपने लगाव को लिखते हैं...
"जिहाले मिस्किन" के बारे में कुछ कहने से अच्छा होगा कि आपको ये बताऊँ कि इसे गाने वालों में * उस्ताद नुसरत फ़तेह अली खान * लता मंगेशकर (साथ शब्बीर कुमार) * गुलाम अली * साबरी ब्रदर्स * छाया गांगुली और * राहत फ़तेह अली खान * शामिल हैं...
शब्कोदांकन के ज़रिये एक कोशिश करी है और इसे हिंदी, अंग्रेजी, रोमन व उर्दू चारों लीपियों में आप तक ले कर आने की और साथ ही ऊपर लिखे गायकों के विडिओ भी दिये हैं... धन्यवाद
"जिहाले मिस्किन" के बारे में कुछ कहने से अच्छा होगा कि आपको ये बताऊँ कि इसे गाने वालों में * उस्ताद नुसरत फ़तेह अली खान * लता मंगेशकर (साथ शब्बीर कुमार) * गुलाम अली * साबरी ब्रदर्स * छाया गांगुली और * राहत फ़तेह अली खान * शामिल हैं...
शब्कोदांकन के ज़रिये एक कोशिश करी है और इसे हिंदी, अंग्रेजी, रोमन व उर्दू चारों लीपियों में आप तक ले कर आने की और साथ ही ऊपर लिखे गायकों के विडिओ भी दिये हैं... धन्यवाद
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल
दुराये नैना बनाये बतियाँ
Zehaal-e-miskeen makun taghaful,
Duraye naina banaye batiyan.
زحالِ مسکیں مکن تغافل درائے نیناں بنائے بتیاں
इस ग़रीब के हाल से तगाफुल (ignore) ना बरत
आँखें ना फेर, बातें ना बना
Do not overlook my misery,
by blandishing your eyes and weaving tales
कि ताब-ए-हिज्राँ न दारम ऐ जाँ
न लेहु काहे लगाये छतियाँ
Ke taab-e-hijran nadaram ay jaan,
Na leho kahe lagaye chatiyan.
کہ تابِ ہجراں نہ دارمے جاں نہ لیہو کاہے لگائے چھتیاں
अब जुदाई की ताब नहीं है मेरी जान
मुझे अपने सीने से क्यों नहीं लगा लेता
My patience has over-brimmed, O sweetheart!
why do you not take me to your bosom
शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़
वरोज़-ए-वसलश चूँ उम्र कोताह
Shaban-e-hijran daraz chun zulf,
Wa roz-e-waslat cho umer kotah.
شبانِ ہجراں دراز چوں زلف و روز وصلت چوں عمر کوتاہ
जुदाई की रातें ज़ुल्फ़ की मानिंद दराज़
विसाल के दिन उम्र की मानिंद मुख़्तसर
Long like curls in the night of separation
short like life on the day of our union
सखी पिया को जो मैं न देखूँ
तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ
Sakhi piya ko jo main na dekhun,
To kaise kaTun andheri ratiyan.
سکھی پیا کو جو میں نہ دیکھوں تو کیسے کاٹوں اندھیری رتیاں
My dear, how will I pass the dark dungeon night
without your face before
यकायक अज़ दिल ब-सद फ़रेबम
बवुर्द-ए-चशमश क़रार-ओ-तस्कीं
Yakayak az dil do chashm-e-jadu,
Basad farebam baburd taskin.
یکایک از دل دو چشم جادو بصد فریبم ببرد تسکیں
यकायक ही वो दो जादुई आँखें
मेरे दिल का सुकून ले उड़ीं
Suddenly, using a thousand tricks
the enchanting eyes robbed me of my tranquil mind
किसे पड़ी है जो जा सुनाये
प्यारे पी को हमारी बतियाँ
Kisay pari hai jo ja sunave,
Piyare pi ko hamari batiyan,
کسے پڑی ہے جو جا سناوے ہمارے پی سے ہماری بتیاں
Who would care to go and report
this matter to my darling
चूँ शम्म-ए-सोज़ाँ, चूँ ज़र्रा हैराँ
हमेशा गिरियाँ, ब-इश्क़ आँ माह
Cho shama sozan cho zaraa hairan,
Hamesha giryan be ishq an meh.
چوں شمع سوزاں چو ذرٌہ حیراں ہمیشہ گریاں نہ عشق آں مہ
जलती हुई शम्मा और हैरान ज़र्रे की मकिफ़
मैं इश्क में हमेशा फरियाद कर रहा हूँ
Tossed and bewildered, like a flickering candle,
I roam about in the fire of love
न नींद नैना, न अंग चैना
न आप ही आवें, न भेजें पतियाँ
نہ نیند نیناں، نہ انگ چیناں، نہ آپ آویں نہ بھیجیں پتیاں
Na nind naina na ang chaina,
Na aap aaven na bhejen patiyan,
Sleepless eyes, restless body,
neither comes she, nor any message
बहक्के रोजे विसाले दिल्वर
कि दाद मारा गरीब खुसरो
Bahaq-e-roz-e-visaal-e-dilbar,
Ke daad mara gharib Khusro.
بحق روز وصال دلبر کہ داد مارا فریب خسرو
महबूब के दीदार के दिन की ख़ुशी में
जिसने इतना लम्बा इंतज़ार कराया है, खुसरो
In honour of the day I meet my beloved
who has lured me so long, O Khusro!
सपेत मन के बराय राखूं
जो जाए पाऊं पिया के पतियां
Sapet man ke varaye rakhun,
Jo jaye pauN piya ke khatiyan.
سپیت من کے ورائے راکھوں جو جائے پاؤں پیا کی کھتیاں
I shall keep my heart suppressed
if ever I get a chance to get to her trick
...................................................
Ab'ul Hasan Yamin ud-Din Khusrow
अमीर खुसरो
ابوالحسن یمینالدین خسرو
Amir Khusrow ( Khusrau, Khusro) Dehlawi
..................................................
दुराये नैना बनाये बतियाँ
Zehaal-e-miskeen makun taghaful,
Duraye naina banaye batiyan.
زحالِ مسکیں مکن تغافل درائے نیناں بنائے بتیاں
इस ग़रीब के हाल से तगाफुल (ignore) ना बरत
आँखें ना फेर, बातें ना बना
Do not overlook my misery,
by blandishing your eyes and weaving tales
कि ताब-ए-हिज्राँ न दारम ऐ जाँ
न लेहु काहे लगाये छतियाँ
Ke taab-e-hijran nadaram ay jaan,
Na leho kahe lagaye chatiyan.
کہ تابِ ہجراں نہ دارمے جاں نہ لیہو کاہے لگائے چھتیاں
अब जुदाई की ताब नहीं है मेरी जान
मुझे अपने सीने से क्यों नहीं लगा लेता
My patience has over-brimmed, O sweetheart!
why do you not take me to your bosom
शबान-ए-हिज्राँ दराज़ चूँ ज़ुल्फ़
वरोज़-ए-वसलश चूँ उम्र कोताह
Shaban-e-hijran daraz chun zulf,
Wa roz-e-waslat cho umer kotah.
شبانِ ہجراں دراز چوں زلف و روز وصلت چوں عمر کوتاہ
जुदाई की रातें ज़ुल्फ़ की मानिंद दराज़
विसाल के दिन उम्र की मानिंद मुख़्तसर
Long like curls in the night of separation
short like life on the day of our union
सखी पिया को जो मैं न देखूँ
तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ
Sakhi piya ko jo main na dekhun,
To kaise kaTun andheri ratiyan.
سکھی پیا کو جو میں نہ دیکھوں تو کیسے کاٹوں اندھیری رتیاں
My dear, how will I pass the dark dungeon night
without your face before
यकायक अज़ दिल ब-सद फ़रेबम
बवुर्द-ए-चशमश क़रार-ओ-तस्कीं
Yakayak az dil do chashm-e-jadu,
Basad farebam baburd taskin.
یکایک از دل دو چشم جادو بصد فریبم ببرد تسکیں
यकायक ही वो दो जादुई आँखें
मेरे दिल का सुकून ले उड़ीं
Suddenly, using a thousand tricks
the enchanting eyes robbed me of my tranquil mind
किसे पड़ी है जो जा सुनाये
प्यारे पी को हमारी बतियाँ
Kisay pari hai jo ja sunave,
Piyare pi ko hamari batiyan,
کسے پڑی ہے جو جا سناوے ہمارے پی سے ہماری بتیاں
Who would care to go and report
this matter to my darling
चूँ शम्म-ए-सोज़ाँ, चूँ ज़र्रा हैराँ
हमेशा गिरियाँ, ब-इश्क़ आँ माह
Cho shama sozan cho zaraa hairan,
Hamesha giryan be ishq an meh.
چوں شمع سوزاں چو ذرٌہ حیراں ہمیشہ گریاں نہ عشق آں مہ
जलती हुई शम्मा और हैरान ज़र्रे की मकिफ़
मैं इश्क में हमेशा फरियाद कर रहा हूँ
Tossed and bewildered, like a flickering candle,
I roam about in the fire of love
न नींद नैना, न अंग चैना
न आप ही आवें, न भेजें पतियाँ
نہ نیند نیناں، نہ انگ چیناں، نہ آپ آویں نہ بھیجیں پتیاں
Na nind naina na ang chaina,
Na aap aaven na bhejen patiyan,
Sleepless eyes, restless body,
neither comes she, nor any message
बहक्के रोजे विसाले दिल्वर
कि दाद मारा गरीब खुसरो
Bahaq-e-roz-e-visaal-e-dilbar,
Ke daad mara gharib Khusro.
بحق روز وصال دلبر کہ داد مارا فریب خسرو
महबूब के दीदार के दिन की ख़ुशी में
जिसने इतना लम्बा इंतज़ार कराया है, खुसरो
In honour of the day I meet my beloved
who has lured me so long, O Khusro!
सपेत मन के बराय राखूं
जो जाए पाऊं पिया के पतियां
Sapet man ke varaye rakhun,
Jo jaye pauN piya ke khatiyan.
سپیت من کے ورائے راکھوں جو جائے پاؤں پیا کی کھتیاں
I shall keep my heart suppressed
if ever I get a chance to get to her trick
...................................................
Ab'ul Hasan Yamin ud-Din Khusrow
अमीर खुसरो
ابوالحسن یمینالدین خسرو
Amir Khusrow ( Khusrau, Khusro) Dehlawi
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5 टिप्पणियाँ
वाह.....
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत...रूहानी............
शुक्रिया
अनु
Taking to different heights through spiritual flight ..vow fateh Ali kahan voice vibrating waves
जवाब देंहटाएंBro can I get your Whats app number .
जवाब देंहटाएंAs I am a blogger , so just for this.
Please.
वाह क्या बात है थोड़ा छू लेने दो प्रभु को।
जवाब देंहटाएंसुंदर।
बहुत सुंदर और प्रेरक
सार्थक।
Bahut a6a shaandaar
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