ह० अमीर खुसरो के लेखन शैली की एक अतिउत्कृष्ट ग़ज़ल है "जिहाले मिस्किन", जिसमे फारसी और हिंदी दोनों का एक साथ प्रयोग करते हुए, वो अपने महबूब…
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