दुष्यंत की कहानी: तीसरे कमरे की छत, पांचवीं सीढ़ी और बारहवां सपना मानव पीड़ाएँ अगर प्राकृतिक हो सकती हैं और अपने ऊपर कहानियाँ लिखवा सकती है…