दिग्गज हिंदी लेखक राजेंद्र यादव की प्रसिद्ध कहानी 'पास-फेल' को 2025 में अपडेट किया गया है, जो परिवार के तनाव, सामाजिक अपेक्षाओं और व्यक्तिग…
आगे पढ़ें »2025 में, जब डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया ने फ्लर्टिंग को नया रूप दिया, इरा टाक की यह कहानी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। (In 2025, when dating apps a…
आगे पढ़ें »अलका सरावगी की मार्मिक कहानी 'एक पेड़ की मौत' को 2025 के पर्यावरण-सचेत युग में फिर से खोजें, जो प्रकृति और मानव संबंधों को दर्शाती है। (Pu…
आगे पढ़ें »हम दोनों के वार्तालाप में चाय ठण्डी हो चुकी थी, भावना की आवाज़ में एक भारीपन था। उसने कहा—“देखो न शेखर बाबू, अपनी बातों से आपको परेशान कर दिया मै…
आगे पढ़ें »ईदगाह: एक मासूम बच्चे की कहानी सोच रहा था कि आज ईद के मुबारक अवसर पर बधाई किस तरह दूं। बहुत सारे विकल्प ज़ेहन में आ रहे थे मगर दिल नहीं राज़ी ह…
आगे पढ़ें »प्रेम कहानियाँ पाठकों के दिल में अपने-अपने कारणों की वजह से उतरती रही हैं। उर्मिला शिरीष की ‘परिन्दों का लौटना’ भी एक वह कहानी है जिससे बहुत पाठक ज…
आगे पढ़ें »विशाख ने गंगा की लहरों में अम्मा को सौंप दिया, पर स्मृतियों की धाराएँ अब भी मन के तटों से टकरा रही थीं। प्रस्तुति के शब्दों ने तर्क दिया, मगर विशाख …
आगे पढ़ें »विवाह में जब पति की उम्र कुछ ज़्यादा हो और पत्नी की कम हो तो ऐसे में उस दंपति के वैवाहिक, दैहिक संबंध किस दौर से गुज़रते होंगे, एक स्त्री के नज़रिये स…
आगे पढ़ें »साहित्यकार कविता का लघु उपन्यास या लंबी कहानी ‘अलबेला रघुबर’ बार-बार इतनी ‘अपनी’ — किसी खोह से निकलता अपना जीवन हो जाती है कि इस पाठक ने इसके मार्मिक…
आगे पढ़ें »बाज़दफ़ा कहानीकार भी जिस कहानी को कहने जा रहा होता है उसके जाल में फंस जाता है, आप भी फँसिए --युवा कहानीकार अणुशक्ति सिंह की कहानी 'अमरबेल' पढ़ि…
आगे पढ़ें »पढ़िए डॉ निधि अग्रवाल की एक अच्छी व कलात्मक कहानी 'पाँचवें पुरुष की तलाश में' ! ~ सं०
आगे पढ़ें »‘धीरा’ सधी हुई कहानी है। विजयश्री तनवीर की कहानियों में वह प्रवाह और शैली है जो आपको फैन बना सकती है। पढ़िएगा और अपनी प्रतिक्रिया भी ज़रूर दीजिएगा ~ भ…
आगे पढ़ें »उमा शंकर चौधरी की कहानी ‘इत्ता-सा टुकड़ा चाँद का’ उस विकास के मॉडल का सच हमें दिखाने की कोशिश कर रही है जहां बच्चों के पनपने जगह ही नही है। क्या आ…
आगे पढ़ें »हिन्दी साहित्य की दुनिया (कहीं-कहीं तथाकथित) में विचरण करते करते वहाँ के निवासी भूल जाते हैं कि हिन्दी की एक और दुनिया है जो उनकी वाली से बड़ी है। कथ…
आगे पढ़ें »कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना घरौंदे बनाना बना के मिटाना वो मा'सूम चाहत की तस्वीर अपनी वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी न दु…
आगे पढ़ें »'सप्तपर्णी' फूल की शैतानी खुशबू (इसके पेड़ को अंग्रेज़ी में 'डेविल्स ट्री' भी कहते हैं) से मोहित होकर, मैंने 2018 में फेसबुक पर लिखा थ…
आगे पढ़ें »वैसे तो अनेक पुरुष लेखक स्त्री को समझने की बात करते हैं, उसकी तरफ़ से लिखते हैं लेकिन प्रभात रंजन की ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी ‘शनेल नंबर-5’ उस लेखकीय…
आगे पढ़ें »ममता कालिया को यह महारथ प्राप्त है कि वह हम सबके सामने बिखरे क़िस्सों को कलमबद्ध कर सकती हैं। उनकी कहानी 'हीरो की हैरानी' उनको मिली इस सिद्ध…
आगे पढ़ें »कमाल लिखती हैं वंदना राग , ये हमसब जानते हैं, लेकिन लुत्फ़ यह है कि हर बार उनकी कहानी पढ़ने पर हम फिर कहते नहीं थकते - 'कमाल लिखती हैं वंदना राग!&…
आगे पढ़ें »उसने कहा था चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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