हालात बदतर करते ट्विटर के दोहरे मापदण्ड
— डॉ शशि थरूर
इसमें कोई दो राय नहीं है कि 9 वर्ष की दलित बेटी के बलात्कार,उसकी हत्या और हड़बड़ी में किये गए दाहसंस्कार ने देश की आत्मा को झकझोर दिया। इसपर फौरन की जानेवाली कार्यवाही एक तकनीकी कानून तोड़ने के चलते राहुल गांधी के ख़िलाफ़ नहीं, वरन उसपर होनी चाहिए जो इस मानवीय त्रासदी के सहअपराधी थे।
मैं ट्विटर की स्थिति समझता हूँ कि जिस अकाउंट ने भारतीय क़ानून और ट्विटर नीति का उल्लंघन किया उसे ब्लॉक करने के अलावा उसके पास और कोई रास्ता नहीं है। क़ानून तो क़ानून है किन्तु नीति का पुनर्विलोकन किया जा सकता है । अकाउंट का स्वचालित बंद होना भारतीय नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने वाला चरम कदम है।
यहाँ दोहरे मापदण्ड हालात को बदतर करते हैं। जब बीजेपी के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता हाथरस बलात्कार पीड़िता की तस्वीर ( आईपीसी की धारा 228ए का उल्लंघन करते हुए) पोस्ट करते हैं, ट्विटर उनका अकाउंट नहीं बंद करता। एससी आयोग पीड़ित परिवार की फोटो पोस्ट करता है - कोई कार्यवाही नहीं।
प्रमुख विपक्षी नेता के विरूद्ध कार्यवाही, पूर्वाग्रह व चुनकर किए जाने का अंदेशा देती है। मेरी ट्विटर से दरख़्वास्त है राहुल गांधी का अकाउंट खोलें, स्वचालित बंद होने की नीति का पुनर्विलोकन करें और जनता की राय के प्रति संवेदना दिखाएं । तस्वीर नहीं, बेटी के साथ क्या हुआ यह देखें!
(डॉ शशि थरूर की ट्वीट का हिन्दी अनुवाद )
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The perception of double standards makes matters worse. When a BJP national spokesman posted a picture of the Hathras rape victim (violating Section 228A of the Indian Penal Code) @Twitter did not lock his account. SC Commission posted a pic of the victim’s family 2 Aug;no action
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 12, 2021
कोई दो राय नहीं है कि 9-वर्ष की दलित बेटी के बलात्कार,उसकी हत्या व हड़बड़ी में किये गए दाहसंस्कार ने देश की आत्मा को झकझोर दिया। इसपर फौरन कार्यवाही एक तकनीकी क़ानून तोड़ने के कारण @RahulGandhi पर नहीं, वरन उसपर होनी चाहिए जो इस मानवीय त्रासदी के सहअपराधी थे।
— Bharat S Tiwari (@BharatTiwari) August 12, 2021
― @ShashiTharoor https://t.co/xBBgkh716e
1 टिप्पणियाँ
हाँ.बेटी के साथ क्या हुआ यह देखें
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