प्रत्यक्षा का लेखन पढ़ते मैं हमेशा हतप्रभ होता हूँ. अव्वल तो इन्सान को ऐसे विचार, जो प्रत्यक्षा की कहानियों में नज़र आते हैं, आने की दैविक स्व…
Ek Dopahar...Tum Yakin Nahi Karoge Pratyaksha सिरीज़ ' ये जो दिल है दर्द है कि दवा है ' की दूसरी कहानी मेज प…
प्रत्यक्षा को मैंने बहुत देर में पढ़ा लेकिन जब पढ़ा तो ऊपर वाले को शुक्रिया ज़रूर कहा. प्रत्यक्षा की कहानियां सूफी कव्वाली की तरह भीतर उतरती जाती ह…
Hindi Kahani by Pratyaksha बलमवा तुम क्या जानो प्रीत कहीं मकान के पेट से ये आवाज़ अँधेरे को चीरती तीखेपन से पहुँचती । बूढ़ा उठ कर पिछवा…
वर्ष २०१३ और २०१४ की कृष्ण बलदेव वैद फैलोशिप युवाकथाकर प्रत्यक्षा और प्रभात रंजन को दी जाएगी। वैद फैलोशिप के निर्णायक श्री अशोक वाजपेयी ने बता…