कितना है बद-नसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिए दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में — बहादुर शाह ‘ज़फर’ मकबूल ‘फ़िदा’ हुसैन की तस…
आगे पढ़ें »देवनागरी की महत्ता पर बापू का ख़त हिंदी-दिवस विशेष इस संस्करण को हिंदी में छापने के दो उद्देश्य हैं। मुख्य उद्देश्य यह है कि …
आगे पढ़ें »"Self-Portrait to Selfie : Redefining Image Making" Photography workshop by Parthiv Shah ‘सेल्फी’, 2013 में ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनर…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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