हर जगह की तरह पटना पुस्तक मेले में भी पाखी संपादक प्रेम भारद्वाज अपनी छाप छोड़ना नहीं भूले. बिहार के प्रेम भरद्वाज के कल और आज में एक बड़ा परिवर्त…
शब्दांकन Shabdankan