और फिर उस रात उनके सपने में काली मिर्च खरीदते एक अंग्रेज दिखा। वह अंग्रेज दालचीनी को बहुत गौर से देख रहा था। उस अंग्रेज ने किशोरी बाबू को एक हैट गिफ…
कवि और कविता हमें सच से भागने से रोक सकते हैं? वैसे सवाल तो यह होना चाहिए, हम सच से भागते क्यों हैं? लेकिन, यह भी है कि हम उमा शंकर चौधरी की इन कवित…
नरम घास, चिड़िया और नींद में मछलियां — उमा शंकर चौधरी कहानीकार को 'नरम घास, चिड़िया और नींद में मछलियां' कहानी कह पाने की बधाई से अध…