अनामिका के नए उपन्यास आईनासाज़ की इस समीक्षा में सुनीता गुप्ता लिखती हैं कि "अनामिका के यहां प्रतिरोध की वह मुखर प्रतिध्वनि नहीं मिलती जो स्त…
कविता इतनी बेहतरीन ही होनी चाहिए, कि आप बार-बार ... बार-बार पढ़ें और जी न भरे. कि आपकी आँखों में नमी और भीतर की मुकुराहट चेहरे पर आ जाए. कि …
ह० अमीर खुसरो के लेखन शैली की एक अतिउत्कृष्ट ग़ज़ल है "जिहाले मिस्किन", जिसमे फारसी और हिंदी दोनों का एक साथ प्रयोग करते हुए, वो अपने महबूब…