लघुकथा बाल मजदूरन - शोभा रस्तोगी “हैं ! मेड रख ली तूने ? उम्र क्या है ?” “बारह। यार, छोटे मोटे सौ काम खड़े रहते हैं। किसी को पानी, किसी को …
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