लेखक: मृदुला गर्ग प्रकाशन तिथि: 22 अप्रैल 2025 …
आगे पढ़ें »हंस मार्च, 1999 | Shabdankan | नोट: विनोद कुमार शुक्ल को 2024 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आगे पढ़ें »केवल कैन्डिल मार्च से किसी के दर्द को नहीं दूर किया जा सकता शरद कुमार पाण्डेय "शशांक" उप संपादक, राष्ट्रीय स्वरूप दैनिक समाचार पत्र।…
आगे पढ़ें »'विपश्यना' उपन्यास में इंदिरा दांगी ने बहुत प्रभावित किया था। बीएचयू प्रोफेसर प्रभाकर सिंह की समीक्षा (Review Vipshyana Indira Dangi) पढ़ते …
आगे पढ़ें »सदाशिव श्रोत्रिय की यह सुंदर समीक्षा पढ़ने के बाद दुर्गाप्रसाद अग्रवाल की किताब पढ़ने का बहुत मन हुआ, सोचा अभी मँगा लूँ और तब... हिन्दी की नाव कितने प…
आगे पढ़ें »जंगलगाथा: वरिष्ठ कथाकार लोकबाबू की बारह कहानियों का संग्रह समीक्षा: घनश्याम त्रिपाठी
आगे पढ़ें »प्रभात रंजन के हाल ही में प्रकाशित, चर्चित उपन्यास 'क़िस्साग्राम' का एक अंश आप पढ़ चुके हैं ( लिंक ) अब पढ़ें उपन्यास पर युवा समीक्षक अनुरंजनी …
आगे पढ़ें »विज्ञान में पीएचडी अभिषेक मुखर्जी ने गीताश्री के उपन्यास क़ैद बाहर (राजकमल प्रकाशन) की समीक्षा पूरे हृदय से लिखी और अच्छी हिन्दी से सजाई है। उन्हे और…
आगे पढ़ें »दर्द हो मेरा, दवा भी हो... समीक्षा: उपन्यास (इरा टाक) 'लव ड्रग' कमलेश वर्मा
आगे पढ़ें »"संगीता के युवा मन में पीढ़ियों की जड़ें गहरी हैं। इन कविताओं को पढ़कर ऐसा लगता है संगीता संकेत में कुछ कह रही हैं।" जिस पुस्तक की समीक्षा …
आगे पढ़ें »समीक्षा / गांधी और सरला देवी चौधरानी : बारह अध्याय / अलका सरावगी Book Review / Gandhi Aur Saraladevi Chaudhrani : Barah Adhyay/ Alka Saraogi स्वत…
आगे पढ़ें »समीक्षा लिखते समय यदि लेखक यह याद रखे कि गद्य पढ़ने का आनंद उसके प्रवाह में होता है, तो वह विजय पंडित द्वारा लिखित, हाल में आयी किताब — अवसाद का आनंद…
आगे पढ़ें »माधव हाड़ा की महत्वपूर्ण किताब 'सौनें काट न लागै - मीरां पद संचयन' की ज़रूरी समीक्षा की है रा. उ. मा. वि. आलमास, भीलवाड़ा, राजस्थान के प्राध्…
आगे पढ़ें »दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में रिसर्च स्कॉलर दिव्या तिवारी लिख रही हैं मुजीब रिज़वी की किताब ‘सब लिखनी कै लिखु संसारा: पद्मावत और जायसी की द…
आगे पढ़ें »कन्हैयालाल मुंशी ने 1938 में भारतीय विद्याभवन की योजना को मूर्त रूप देने का का दायित्व मुनि जिनविजय को सौंपा। वे इसके पहले मानद निदेशक बनाए गए। वि…
आगे पढ़ें »समीक्षा हो सकता है कि इस मुद्दे की कोई अंतर्कथा हो, लेकिन उनकी अनुपस्थिति खलती है और यह हिदी साहित्य के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है... लमही के अमृत …
आगे पढ़ें »अनुपम मिश्र की पुस्तक 'विचार का कपड़ा' की समीक्षा और चर्चा description वरिष्ठ आलोचक श्री रवींद्र त्रिपाठी के साथ, अनुपम मिश्र की पुस्…
आगे पढ़ें »बुक रिव्यु: मानस का हंस अमृतलाल नागर कृत तुलसीदास के जीवन पर आधारित उपन्यास — विशाख राठी मानस का हंस उपन्यास पाठक को बांधे रखता …
आगे पढ़ें »वरिष्ठ आलोचक रवीन्द्र त्रिपाठी पुस्तक समीक्षा: राकेश तिवारी का उपन्यास 'फसक' Fasak - Novel by Rakesh Tiwari राकेश तिवारी का उ…
आगे पढ़ें »प्रेमचंद के फटे जूते हरिशंकर परसाई Premchand’s Torn Shoes - Harishankar Parsai हरिशंकर परसाई "प्रेमचंद के फटे जूते" वरिष्…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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