प्रताप सोमवंशी की ग़ज़ल Pratap Somvanshi Ki Ghazal उलझ रहा हूं, सुलझ रहा हूं, उजड़ रहा हूं, संवर रहा हूं जितना खुद में डू…
ग़ज़लें ~ प्रताप सोमवंशी प्रताप सोमवंशी को कुछ रोज़ पहले एक मुशायरे में सुना, उनकी ग़ज़लों के एक-एक शेर पर वाह निकलती रही, आप ख़ुद देखें... …