वरिष्ठ लेखिका मैत्रेयी पुष्पा ने जनसत्ता में प्रकाशित अपने लेख " स्त्री विमर्श और आत्मालोचन " में नयी पीढी की महिला कहानीकारो के लेख…
आगे पढ़ें »तो यह उसने आखिरी पत्ता फेंका है, कि उम्र से उसे कोई ऐतराज़ नहीं, कि उसके बड़ी होने से उसे कोई परहेज़ नहीं, परहेज़ है उसमें उम्र के हिसाब की गंभीरत…
आगे पढ़ें »यादें ज़रूर जिंदा रहती हैं पर चेहरे पहचान में नहीं आते क्योंकि उन पर उम्र की लकीरें चढ़ जाती हैं और वो पहचाने न जाने की हद तक बदल जाते हैं। …
आगे पढ़ें »मणिका मोहिनी एक प्रसिद्ध कहानीकार और कवयित्री है । कविता-कहानी की 15 पुस्तकें प्रकाशित, कुछ वर्षों तक ' वैचारिकी संकलन ' हिन्दी मासिक का…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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