Header Ads Widget

मणिका मोहिनी की तीन बेहतरीन गज़लें

मणिका मोहिनी एक प्रसिद्ध कहानीकार और कवयित्री है । कविता-कहानी की 15 पुस्तकें प्रकाशित, कुछ वर्षों तक 'वैचारिकी संकलन' हिन्दी मासिक का सम्पादन-प्रकाशन, लगभग 12-13 वर्षों के अन्तराल के बाद अब पुनः लेखन।
“शब्दांकन” अपना योगदान उनकी नयी गज़लों के रूप में दे रहा है ।


जल्द ही उनकी कहानियाँ भी प्रकाशित होंगी ।

गज़ल: मेरी साँसों में तेरे प्यार की गरमाई है
मेरी साँसों में तेरे प्यार की गरमाई है
मेरी  आँखों  में  तेरे रूप की लुनाई है

कहाँ-कहाँ तुझे ढूँढा नहीं इन राहों में
कहाँ-कहाँ से तेरी बात चली आई है

मैं तुझे याद करूँ या न करूँ सच है यह
तेरी खुशबू की लहर हर तरफ लहराई है

तेरी बातों में था जो राजसी-सा याराना
मेरे कानों में मादक गूँज की शहनाई है

तेरे बिंदास रवैये ने मुझे बाँध लिया
तेरी मासूमियत में सागरी गहराई है

तेरा हँसना तेरा गाना तेरा वह अल्हड़पन
सच कहूं जान मेरी जान पर बन आई है

हुआ है क्या मुझे यह कौन बताएगा मुझे
सखा सब दूर हुए तू ही अब हमराही है


गज़ल: मैंने शामिल किया है अपने उजालों में तुम्हें
मैंने शामिल किया है अपने उजालों में तुम्हें
अंधेरे अब नहीं कर पाएंगे गुमराह तुम्हें

तुम्हारी दिल्लगी करने की अदा क्या कहिए
तुम्हारी दिल्लगी की हर अदा वाह वाह तुम्हें

हंसी-हंसी में संवर जाएगी हर बिगड़ी बात
शिकायतों के सिलसिलों की नहीं चाह तुम्हें

तुम्हें आता है उलझना और सुलझना दोनों
किसी मुश्किल की नहीं कोई भी परवाह तुम्हें

मुझे आता नहीं था दिल को तसल्ली देना
मेरी खुशकिस्मती ने चुना है हमराह तुम्हें

अब इस दिल को समझाएं तो समझाएं कैसे
अब इस दिल को समझाएं तो समझाएं कैसे
तेरी तस्वीर से दिल और बहलाएं कैसे

हमारे बीच दूरियां हैं कितने देशों की
तुमसे मिलने को अब आएं भी तो आएं कैसे

तुम्हारे शब्द शब्द, सिर्फ शब्द, और शब्द
कहाँ रखें इन्हें हम दिल में छुपाएँ कैसे

कहते हैं कि कम होता है बंटने से दर्द
तुम्ही कहो लेकिन गैरों को बताएं कैसे

तुम आओगे एक दिन ज़रूर आओगे
इसी उम्मीद में जीते हैं, मर जाएं कैसे





















संपर्क mohinimanika@gmail.com



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
हमारी ब्रा के स्ट्रैप देखकर तुम्हारी नसें क्यों तन जाती हैं ‘भाई’? — सिंधुवासिनी
कहानी — नदी गाँव और घर  — स्वप्निल श्रीवास्तव kahani nadi gaanv aur ghar swapnil srivastava
 प्रेमचंद के फटे जूते — हरिशंकर परसाई Premchand ke phate joote hindi premchand ki kahani
मन्नू भंडारी: कहानी - एक कहानी यह भी (आत्मकथ्य)  Manu Bhandari - Hindi Kahani - Atmakathy