कुछ तो जानें , कुछ तो मानें अपनी उस नादानी को कैसे खोया हम ने अपने घर के दाना - पानी को अपने को पहचान न पाये ,…
आगे पढ़ें »१३ जून १९३७ को वजीराबाद में जन्में, श्री प्राण शर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए बी एड प्राण शर्मा क…
आगे पढ़ें »गुरिंदर आज़ाद कवि और दलित एक्टिविस्ट हैं। उनके लेखे डाकुमेंट्री फ़िल्म निर्माण, पत्रकारिता, सामाजिक विषय लेखन जैसे अन्य काम भी हैं। बठिंडा में एक …
आगे पढ़ें »कुछ इधर से कुछ उधर से आ गए पत्थर कई घर को खाली देख कर बरसा गये पत्थर कई दो जमातों में हुआ कुछ ज़ोर से ऐसा फसाद देखते ही देखते टकर…
आगे पढ़ें »बेमिसाल गज़लकार श्री प्राण शर्मा की गज़लों को चाहने वालों के लिए उनकी दो ताज़ा गज़लें घर - घर में खूब धूम मचाती है ज़िन्दगी क्या प्यारा - …
आगे पढ़ें »बचपन हर इक की आँखों का वो ध्रुवतारा होता है सच है प्यारे बचपन कितना प्यारा होता है उसका रूप सलोना जादू क्यों न …
आगे पढ़ें »अब तो लगता है इस तरह से जीना होगा प्यास लगने पे लहू अपना ही पीना होगा किसको फुर्सत है की ग़म बाँट ले गैरों का यहाँ अपने अश्…
आगे पढ़ें »१३ जून १९३७ को वजीराबाद में जन्में, श्री प्राण शर्मा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए बी एड प्राण शर्मा कॉ…
आगे पढ़ें »सोनरूपा विशाल एम.ए (संगीत), एम.ए (हिंदी), पी .एच . डी आई सी सी आर एवं इंडियन वर्ल्ड कत्चरल फोरम (नयी दिल्ली ) द्वारा गजल गायन हेतु अधिकृत बद…
आगे पढ़ें »मणिका मोहिनी एक प्रसिद्ध कहानीकार और कवयित्री है । कविता-कहानी की 15 पुस्तकें प्रकाशित, कुछ वर्षों तक ' वैचारिकी संकलन ' हिन्दी मासिक का…
आगे पढ़ें »अदम गोंडवी जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ाम कर देंगे कमीशन दो तो हिन्दोस्तान को नीलाम कर देंगे ये बन्दे-मातरम का गीत …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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