हम से अब नादानियाँ होती नहीं - सोनरूपा विशाल


सोनरूपा विशाल

एम.ए (संगीत), एम.ए (हिंदी), पी .एच . डी
आई सी सी आर एवं इंडियन वर्ल्ड कत्चरल फोरम (नयी दिल्ली ) द्वारा गजल गायन हेतु अधिकृत
बदायूँ


उनको  मत  इंसान  समझिए
अच्छा   है,  हैवान   समझिए

चीख़ें   टीसें ,   ज़ख्मी  आँखें
शहरों  को  शमशान समझिए

मौली  चूड़ी  ,   फ़ीकी   मेंहदी
टूटे    हैं    अरमान   समझिए

ग़म   का चूल्हा ,  रोटी उनकी
ख़ूनी    दस्तरखान  समझिए

मातमपुर्सी   वक़्ती   है    अब
शातिर  हैं  मेहमान  समझिए

रोज़   ब   रोज़   मिलेंगे  काँटें
फूलों  की  पहचान   समझिए

रौनक  अफज़ा  दिखते हैं  पर
भीतर  हैं  सुनसान   समझिए


हम  से  अब  नादानियाँ  होती   नहीं
शोख़ियाँ ,   शैतानियाँ   होती     नहीं

चाहते     हैं   हम  खफ़ा   तुझसे    रहें
हमसे   अपनी  ख़्वारियाँ  होती  नहीं

जिसको कहते थे सही हम, वो ग़लत
हमसे  अब वो  ग़लतियाँ  होती  नहीं

ख़ुद से मिलने की हमें  फ़ुरसत कहाँ
क्या    कहें    तन्हाइयाँ   होती   नहीं

जो   मिले   उससे  मिला लें हाथ हम
हमसे   ऐसी    यारियाँ   होती    नहीं



वो   मिला   सब    कुछ  मिला
दुनिया से क्यों  कर  हो  गिला

उसके    लिए    ग़मगीन     हैं
जिसकी  बदौलत  ग़म   मिला

बेनाम    खत    लिक्खे    गए
हर   शाम  था  ये  सिलसिला

जिसमें थी शिद्दत और नमी
वो  ख़ूब   शाख़े   गुल   खिला

गम    में    तेरी  तासीर    थी
हँस  के  लिया  जब  भी मिला





ख़ुद  को  कैसे  सोचें अब
हर  लम्हे तुमसे   हों जब

हाथ  मिलाएं  उनसे  क्यूँ
दिल में शक़शुबहे  हों जब

उस दिन की उम्मीद में हैं
सपनीली  सुबहे  हों  जब

ख़ुद  में  यक़ी  ज़रूरी   है
पथरीली   राहें   हों   जब

कैसे  प्यार  के गीत लिखें
जीवन  में  आहें  हों  जब

एक टिप्पणी भेजें

5 टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुन्दर गज़लें.....
    बधाई सोनरूपा !!

    आभार शब्दांकन.
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  2. सर्वप्रथम, बहुत-बहुत बधाई, सोनरूपा जी। यह वस्तुतः आश्चर्य जनक है कि मैं कैसे आपकी रचनाओं तक इतनी देर तक नहीं पहुँच सका। ऐसी वैचारिक स्पष्टता एवं छंद का ऐसा तरल, सहज एवं प्रभावी प्रयोग ब्लॉगर्स में मैंने आज तक नहीं देखा। पुनः हार्दिक बधाई, आशा है आपकी रचनाएँ पढ़ने में आती रहेंगी।

    जवाब देंहटाएं
  3. Jisme thi shiddat aur nami...wo khoob shakh-e-gul khila !!

    superb !!

    जवाब देंहटाएं
  4. बधाई सोनरूपा जी इतनी सुन्दर गज़लों के लिए ...

    आभार शब्दांकन

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूब
    कुछ शेर बेहद सुन्दर है
    बधाई

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
परिन्दों का लौटना: उर्मिला शिरीष की भावुक प्रेम कहानी 2025
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
द ग्रेट कंचना सर्कस: मृदुला गर्ग की भूमिका - विश्वास पाटील की साहसिक कथा
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना