संसार में ऐसा कोई भी देश आज नहीं है जहां कमजोरों के हक की रक्षा बतौर फर्ज होती हो। अगर गरीबों के लिए भी कुछ किया जाता है, तो वह मेहरबानी के तौर पर क…
गाँधी मार्ग की कठिन चुनौतियाँ डॉ. ज्योतिष जोशी गाँधी को याद करना जैसे देह के भीतर अपनी आत्मा को निहारना है आज जब पूरे विश्व मे…
जयप्रकाश पहले आम चुनाव के बाद से ही मानने लगे थे कि राजसत्ता चाहे जिस रूप हो, वह कल्याणकारी नहीं हो सकती; क्योंकि उसमें जनता की भागीदारी अ…
सूचना तकनीक के विस्तार ने असंख्य लोगों को लेखक होने के भ्रम में डाल रखा है जिसे प्रकाशक भी हवा दे रहे हैं। पर गंभीर रचनाकर्म अब भी जिन्दा है…