हम दोनों के वार्तालाप में चाय ठण्डी हो चुकी थी, भावना की आवाज़ में एक भारीपन था। उसने कहा—“देखो न शेखर बाबू, अपनी बातों से आपको परेशान कर दिया मै…
आगे पढ़ें »
Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin