हम दोनों के वार्तालाप में चाय ठण्डी हो चुकी थी, भावना की आवाज़ में एक भारीपन था। उसने कहा—“देखो न शेखर बाबू, अपनी बातों से आपको परेशान कर दिया मै…
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