सिने-सोहबत अमर सिंह चमकीला धार्मिक कट्टरपंथियों की राजनीति और दमित कामुकता पर इम्तियाज़ अली का एक धारदार व्यंग्य ::पंकज दुबे मशहूर बाइलिंग्वल…
अच्छी फ़िल्मों को देखना बहुत ज़रूरी (और साहित्यिक) होता है। यह तब और अच्छा हो जाता है जब गीताश्री सरीखा संवेदनशील लेखक किसी ऐसी फिल्म को देख, फ़िल्म की…
समीक्षा सरदार उधम फ़िल्म कला का नायाब नमूना 'सरदार उधम' — फुरक़ान खान आतंकवादी और क्रांतिकारी में बड़ा फ़र्क़ होता है। क्रांतिकारी हो…
रणवीर ने निर्देशक-दृष्टि से अभिनय किया और वह संजू के अंदर के दस-बीस आदमियों के अंदर सफलता से चला गया —अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! च…
कोई फिल्म या कहानी एक रचनात्मक प्रक्रिया से गढ़ी जाती है, पर उसका एक संदर्भ-बिंदु जरूर होता है. इसी में अनेक तत्वों को मिलाकर कथानक बनता है. तो, …
एक अलग तरह के सलमान हैं यहां। अपनी छवि से अलग। न मारधाड़ और न कमीज उतारकर अधनंगे बदन खलनायकों की पिटाई करनेवाले ट्यूबलाइट: इस फिल्म में …
If you've been following the income at the box office juggernaut that is Baahubali 2: The Conclusion (also spelt as Bahubali part 2), then y…
फिल्म समीक्षा: बेगम जान — रवींद्र त्रिपाठी निर्देशक-सृजित मुखर्जी कलाकार- विद्या बालन, गौहर खान, पल्लवी शारदा, नसीर…
अविनाश की अनारकली भागने वालों की राजधानी मुंबई नहीं भागती है। दिल्ली भागती है। भागने का डिस्कोर्स और लोकेशन बदल जाता है। राजनीतिक रूप से य…
'अनारकली ऑफ़ आरा' अविनाश इसी तरह और बढ़िया फ़िल्में बनाएँगे — ओम थानवी निर्देशक अविनाश दास और स्वरा भास्कर …
डियर जिंदगी रवींद्र त्रिपाठी डियर जिंदगी निर्देशक: गौरी शिंदे डियर जिंदगी कलाकार: शाहरूख खान, आलिया भट्ट, कुणाल कपूर, अली जाफर, इरा दुबे,…
लड़कियों को लेकर कितना बदला समाज? रवींद्र त्रिपाठी सन् 2012 के दिंसबर में दिल्ली में `निर्भया- हादसा’ हुआ था। उसके बाद औरतों को लेकर क…
रवीश का रिव्यू वाहियात बांड के भरोसे दुनिया का लोकतंत्र ! हिन्दी फ़िल्मों ने ग्लोबल लेवल पर कहानी का बेड़ा गर्क़ कर दिया …
तीन फिल्मों की समीक्षायें: फैंटम / बांके की क्रेजी बारात / कौन कितने पानी में फैंटम निर्देशक - कबीर खान कलाकार -सैफ अली खान, …