गुलज़ार की ज़ुबानी ,भवानीप्रसाद मिश्र के चार कौए (विडियो: साभार ' खटाक ') बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले, उन्होंने यह तय किया …
सबसे ख़तरनाक वो गीत होता है जो मरसिए की तरह पढ़ा जाता है - पाश (अवतार सिंह संधू)
पिता की बातें ममता कालिया हिंदी साहित्य, उसके कथा संसार की प्रिय लेखक इस बेहद संजीदा संवाद में अपने पिता श्री विद्याभूषण अग्रवाल की उन …
वन्दे मातरम मोगुबाई कुरदीकर और विद्या शाह मोगुबाई कुरदीकर:: ग्रामोफ़ोन के समय में महिलाओं ने भारतीय कला, संगीत और साहित्य की क्षेत्र मे…
Ravish Kumar (Photo (c) Bharat Tiwari) पिछला चैप्टर — रवीश कुमार हम भूलते रहें वो खेलते रहें. यह खेल जबतक खेल है कोई दिक्कत नहीं, न …
नयन की मत मारो तलवरिया मालिनी अवस्थी शब्दांकन Shabdankan ▲▲ लाइक कीजिये अपडेट रहिये ००००००००००००००००
विश्वजीत राय चौधरी सरोद शब्दांकन Shabdankan ▲▲ लाइक कीजिये अपडेट रहिये ००००००००००००००००
हिंदी कविता : Ek Bhasha Hua Karti Hai उदय प्रकाश: Uday Prakash एक भाषा हुआ करती है जिसमें जितनी बार मैं लिखना चाहता हूं `आंसू´ से मिल…
15 मई 2017 सुबह 9 के आसपास हमें मई की दिल्ली में सुबह ही हो जाने वाली गर्मी और 3 घंटे से चल रहे फ़ोटोशूट की दौड़ ने शारीरिक और मानसिक थका द…
कालिदास का अपूर्ण कथागीत सुधांशु फ़िरदौस कोशिश जारी है, इस दफ़ा सुधांशु फ़िरदौस की कविता 'कालिदास का अपूर्ण कथागीत' की लाइव रिकॉर्ड…
रवीश का वक्तव्य वर्तमान समय काल भारत में रवीश का होना — एक वर्ग के लिए — आखिर क्यों है यह रवीश और दूसरे के लिए रवीश है, है । …
अगर आप अपने राष्ट्र से प्रेम करते हैं तो यह जरूर देखें Kunal Kamra शब्दांकन Shabdankan ▲▲ लाइक कीजिये अ…
मोदी जी तमाम भ्रष्ट सत्ताधारी नेताओं को जेल भेजेंगे शब्दांकन Shabdankan ▲▲ लाइक कीजिये अपडेट रहिये (ये लेखक के अपने…
Dr Kumar Vishwas Wishes 2017 इस साल न हो पुर-नम आँखें इस साल न हो पुर-नम आँखें इस साल न हो पुर-नम आँखें, इस साल न…
साहेब को सब पता है कपिल मिश्रा वाया अमित शाह ००००००००००००००००
आँखों में नमी है जी अजीब सा हो रहा है कई दफ़ा इसे सुन चुका - पहली ही बार में अनवर मक़सूद के बोलों ने मजबूर कर दिया, कि उन्हें लि…
मुझे इस उपन्यास के शिल्प ने मुख्य रूप से आकर्षित किया शिल्प का बहुत सधा हुआ इस्तेमाल किया है दूरदर्शन के कार्यक्रम सुबह सवेरे में प्रो०…
भर्तृहरि कैलाश वाजपेयी चिड़ियाँ बूढ़ी नहीं होतीं कैलाश वाजपेयी अपनी कविता 'भर्तृहरि' का पाठ करते हुए 18 अगस्त 2013, इंडिया इ…
बनारस केदारनाथ सिंह इस शहर में वसंत अचानक आता है और जब आता है तो मैंने देखा है लहरतारा या मडुवाडीह की तरफ़ से उठता है धूल का एक…
Sheen Kaaf Nizam at Sabad- A World Poetry Festival by Sahitya Akademi & Ministry of Culture