पिता की बातें
ममता कालिया हिंदी साहित्य, उसके कथा संसार की प्रिय लेखक
इस बेहद संजीदा संवाद में अपने पिता श्री विद्याभूषण अग्रवाल की उन कुछ बातों को साझा कर रही हैं जिनसे हमको, ममता कालिया को पसंद करने वालों को उनके बरगद की तरह छाया और प्रेम देने वाले व्यक्तित्व को बनाने में पिता की भूमिका दीख सकती है। कोरोना के इस काल में ममता जी को हम तक ऐसे खजाने के साथ ले आने का जो अतिमहत्वपूर्ण काम, उनकी मित्र मीना झा कर रही हैं उसके लिए किन शब्दों से आभार प्रकट किया जाए, आप ही बताइयेगा. यह बेलौस बातें सुनने के बाद, आइयेगा और मेरे साथ ममता मैम से आग्रह कीजियेगा कि अपनी कलम से बेटियों और पिताओं को और समृद्ध बना सके, वह एक उपन्यास लिख दें।
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