हम भूलते रहें वो खेलते रहें | 'पिछला चैप्‍टर' — रवीश @ravishndtv #Ravish


Ravish Kumar Photo (c) Bharat Tiwari
Ravish Kumar (Photo (c) Bharat Tiwari)

पिछला चैप्‍टर

— रवीश कुमार

हम भूलते रहें वो खेलते रहें. यह खेल जबतक खेल है कोई दिक्कत नहीं, न आपको, न उनको... क्योंकि दोनों ही मर्ज़ीनुसार पाले बदल रहे होते हैं. लेकिन जब पालों के बदलने के कारणों में — किसी लिन्चिंग-खून के धब्बे, किसी तीरथ, सीमा, नौकरी, नोट ... ... ...के ख़ूनी-होने-को-आतुर किस्से — दिखने लगें तब वह खेल खेल नहीं रह जाता; इतनी तो समझ आप बेशुमार-समझ के दावों करने वालों में होगी ही कि क्या क्यों हो रहा है, होना सही है या गलत और कि आप का इसमें क्या रोल है?




इसी बात को रवीश ने कुछ यों कहा — "भारतीय शिक्षा प्रणाली का एक उसूल है. अगला चैप्‍टर पढ़ने से पहले अच्‍छा होता है पिछला चैप्‍टर ठीक से रिवाइज कर लेना. तो अब तो नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी नए साथी हैं. लेकिन 2015 में जब दोनों प्रतिद्वंद्वी के रूप में बिहार के जनता के बीच गए तो उनके मुखमंडल से कितनी फुलझड़ियां ये आप भी देखिए."

 

(विडियो साभार एनडीटीवी वेबसाईट।)
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. ***
    सत्ता आसंदी के सार्थक शीर्ष को
    अभयदान अभूतपूर्व लपकते देखा
    नीती के ईश से मिल नरों में इंद्र
    युति भूतपूर्व होने से बचते देखा |
    ~ प्रदीप यादव ~

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
दो कवितायेँ - वत्सला पाण्डेय
ब्रिटेन में हिन्दी कविता कार्यशाला - तेजेंद्र शर्मा
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh
Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg