रवीश, बीच की दूरी के लिए पुल !



रवीश का वक्तव्य

वर्तमान समय काल भारत में रवीश का होना — एक वर्ग के लिए — आखिर क्यों है यह रवीश और दूसरे के लिए रवीश है, है । 


कुलदीप नैयर, आशीष नंदी, रवीश, ओम थानवी
कुलदीप नैयर, आशीष नंदी, रवीश, ओम थानवी

वर्तमान समय काल भारत में रवीश का होना — एक वर्ग के लिए — आखिर क्यों है यह रवीश और दूसरे के लिए रवीश है, है । इधर बीच यह दोनों वर्ग एक दूसरे के साथ रहते हुए, बसते हुए भी एक-दूसरे को कुछ-अधिक अनजानी निगाहों से देखने लगे हैं। लेकिन देखते हैं और यह उन दोनों के एक ही भारत की जीत है। कल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में जब रवीश कुमार को पहला कुलदीप नैयर पत्रकार सम्मान दिया गया, तब हॉल का खचाखच भरा होना और रवीश की कही बातों को सुनते हुए हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट या एक दम से पिनड्राप सन्नाटा या फिर हंसी के ठहाके, पूरे वक्तव्य के दौरान आतेजाते रहे और वक्तव्य के बाद उनको घेरे हुए एक बड़ी भीड़ का बधाई देना, ऑटोग्राफ लेना, तस्वीरें खिंचवाना, उत्सव सा माहौल बना रहा था और उम्मीदों को पोषित किये जा रहा था। रवीश को बहुत-बहुत बधाई, मैं कल के ऐतिहासिक दिन उनके साथ अपनी तस्वीर तो नहीं खींच सका मगर आप सबके लिए उनके वक्तव्य को रिकॉर्ड कर लाया हूं। यह वक्तव्य दोनों वर्गों के लिए, उनके बीच की दूरी के लिए पुल बनेगा, दूरी पाटेगा। क्यों नहीं । यही तो असली भारत है।

भरत तिवारी




ये भी पढ़ें किसकी है पद्मावती - करणी, भंसाली या भारत की — उदित राज, लोकसभा सदस्य 
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
वैनिला आइसक्रीम और चॉकलेट सॉस - अचला बंसल की कहानी
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
दमनक जहानाबादी की विफल-गाथा — गीताश्री की नई कहानी
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
जंगल सफारी: बांधवगढ़ की सीता - मध्य प्रदेश का एक अविस्मरणीय यात्रा वृत्तांत - इंदिरा दाँगी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी