
ताकि पॉजिटिव बने रहा जा सके...
एक सप्ताह का मेटा महोत्सव राष्ट्रीय राजधानी में 4 से 9 मार्च, 2017 के दौरान आयोजित होगा
महिंद्रा समूह का 'महिन्द्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स, मेटा META', इस बात का गवाह है कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, एनएसडी, नाटककारों, नाट्यकला से जुड़े कलाकारों और नाटक-प्रेमियों को लगातार-खुलेआम धोखा दे रहा है कि देश में नाट्य प्रतिभाओं की कमी नहीं है...अगर आप जानना चाहते हैं कैसे तो आप एनएसडी के अगले-पिछले वार्षिक कार्यक्रम भारंगम के नाटककारों के नाम देख लें, कंफ्यूज हो जायेंगे कि क्या भारत में कुछ खास लोग, कुछ खासों के खास लोग ही नाटक कर रहे हैं. जाने क्या नाटक है ये राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय! रहने देते हैं इनकी बातें आइये वापस META की बात हो ताकि पॉजिटिव बने रहा जा सके....
मेटा दिग्गज रंगकर्मी अरुण ककड़े को ‘‘लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड’’ से नवाजेगा

22 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन में महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के सांस्कृतिक विस्तार के प्रमुख जय शाह की कही बात से मैं सहमति रखता हूँ, उन्होंने कहा, “नाट्य प्रतिभा को पहचानने के लिए मेटा भारत का सबसे महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है। बारह साल से, इसने देश भर से सर्वश्रेष्ठ थिएटर प्रस्तुतियों को एक साथ उपलब्ध कराया है। इस कला रूप में प्रतिभा की भरमार है जो सभी प्रदर्शन कला का स्रोत कोड है और महिंद्रा समूह को एक समावेशी, सशक्त और प्रतिष्ठित कैनवस के रूप में हर साल मेटा को पेश करने पर गर्व है।"

12 वें मेटा महोत्सव में नाटकों के प्रदर्शन का कार्यक्रम
- 4 मार्च : लसानवाला हिन्दी 8.00 pm श्री राम सेंटर
- 5 मार्च : भीमा अंग्रेजी रात 8 pm श्री राम सेंटर
- 6 मार्च : एलिफैंट इन द रूम अंग्रेजी 6 pm श्री राम सेंटर
- 6 मार्च : आउटकास्ट हिन्दी 8 pm कमानी ऑडिटोरियम
- 7 मार्च : काली नादकम मलयालम 6 pm श्री राम सेंटर
- 7 मार्च : धूम्रपान अंग्रेजी / हिंदी 8 pm कमानी ऑडिटोरियम
- 8 मार्च : महाभारत अंग्रेजी / हिंदी 6 pmलिटिल थिएटर ग्रुप (एलटीजी)
- 8 मार्च : अवध्या शेश रजनी बंगाली 8 pmश्री राम सेंटर
- 9 मार्च : कथा सुकवि सूर्यमल की राजस्थानी 6 pm लिटिल थिएटर ग्रुप (एलटीजी)
- 9 मार्च : आई डोंट लाइक इट ऐज यू लाइक इट अंग्रेजी 8 pm कमानी ऑडिटोरियम
नोट: गैर हिंदी / अंग्रेजी नाटक के सबटाइटल हिन्दी में होंगे।
मेटा, 2017 लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड अरुण ककड़े मराठी थिएटर के दिग्गज को प्रदान किया जाएगा, साथ 13 विभिन्न श्रेणियों में भारतीय रंगकर्म के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया जाएगा। 85 वर्षीय अरुण ककडे मराठी थिएटर समूह "आविष्कार" की सफलता के प्रमुख सूत्रधार हैं। उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत पुणे में की और बाद में मुंबई चले गये जहां उनका संपर्क विजय मेहता, विजय तेंदुलकर, अरविन्द देशपांडे और माधव वाटवे जैसी थिएटर की महान हस्तियों तथा दिग्गज रंगकर्मियों से हुआ।
पिछले वर्षों में, मेटा लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार भारतीय रंगमंच के कई दिग्गजों को प्रदान किया गया हैं जिनमें दिवंगत जोहरा सहगल, दिवंगत बादल सरकार, स्वर्गीय खालिद चौधरी, इब्राहिम अलकाजी, गिरीश कर्नाड, हेसनम कन्हाईलाल और पद्मश्री रतन थियम भी शामिल हैं।
डॉली ठाकुर, महेश दत्तानी, सचिन खेडेकर, सीमा बिस्वास, अविजित दत्त और माया कृष्णा राव मेटा महोत्सव के 12 वें संस्करण के मौके पर भारतीय रंगमंच की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का मूल्यांकन करेंगे
एक सप्ताह का मेटा महोत्सव राष्ट्रीय राजधानी में 4 से 9 मार्च, 2017 के दौरान आयोजित होगा। इस महोत्सव के दौरान दस नामांकित नाटकों का मंचन किया जाएगा। पुरस्कार 10 मार्च को आयोजित होने वाले रंगारंग ‘‘अवार्ड्स नाइट’’ के मौके पर दिया जाएगा। इस साल 300 से अधिक प्रविष्टियां प्रस्तुत की गई थीं और प्रख्यात थियेटर-कर्मियों सहित एक समझदार चयन समिति ने इन्हें देखा। भारतीय रंगमंच में प्रतिनिधित्व करने वाले सांस्कृतिक पहचान और भाषाओं की विविधता के साथ, 10 नामांकित नाटकों में हिन्दी और अंग्रेजी के साथ- साथ बंगाली, मलयालम, राजस्थानी और कन्नड़ नाटक शामिल हैं।
मेटा, 2017 के लिए जूरी सदस्यों में डॉली ठाकुर, सीमा बिस्वास और सचिन खेडेकर जैसे कलाकार, नाटककार और अभिनेता महेश दत्तानी के अलावा फिल्म अभिनेता अविजित दत्त और कलाकार और नाटक शिक्षक माया के. राव शामिल हैं।

’रंगमंच की राजनीति’ पर चर्चा में ‘थिएटर सामाजिक परिवर्तन के लिए किस प्रकार लाभदायक है’ पर बहस हुई।

थिएटर कलाकार और नाटककार अरविन्द गौड़, एम. के. रैना, बिष्णुप्रिय दत्त और वी. के. शर्मा सहित संजॉय के रॉय द्वारा गठित एक पैनल ने ‘थिएटर समय का एक प्रतिबिंब और सामाजिक बदलाव के लिए एक उत्प्रेरक कैसे हो सकता है’ पर चर्चा की। युगों - युगों से थियेटर समाज और इसकी निहित गतिशीलता और राजनीति को प्रभावी ढंग से आईना दिखाता रहा है।
भारत में, थिएटर ने हमेशा से समय को प्रतिबिंबित किया है, चाहे भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) या प्रगतिशील थिएटर आंदोलन या वास्तव में देश में विभिन्न भागों में होने वाले नाटकों की बात हो जहां इसने लोगों के बीच सामाजिक मुद्दों को लाया है।

टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक और इस फेस्टिवल के निर्माता संजय के. रॉय ने कहा, “डिजिटल माध्यम पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के साथ, हमने मेटा के इस संस्करण के लिए पहली बार ऑनलाइन प्रविष्टियों को स्वीकार करना शुरू किया है। इसने हमारे देश की कलात्मक विविधता को प्रतिबिंबित करने और वहाँ से बेहतरीन प्रतिभा को अवसर और पहुँच प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।“

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