जब जब नेता को राजा बनाओगे, गर्भवती सीता को बनवास मिलेगा ~ मृदुला गर्ग | Mridula Garg - Must Watch Interview

मृदुला गर्ग का यह एक मानीख़ेज़ इंटरव्यू है। साहित्य, लेखन, पाठन, विदेश नीति से लेकर वर्तमान सत्ता और भविष्य पर शमशेर सिंह के साथ हुई उनकी यह बातचीत सुनें अवश्य।  ~ सं0 



गर्भवती सीता वन को जाएगी। खुद धरती में समाएगी। राजा पर दोष नहीं आएगा

~ मृदुला गर्ग


जब जब नेता को राजा बनाओगे, गर्भवती सीता को बनवास मिलेगा

इसे मात्र रूपक कह कर निजात नहीं पा सकते। रूपक शून्य में पैदा नहीं होते। वे हमारी राजनीतिक सांस्कृतिक सामाजिक स्थिति के प्रतिबिम्ब होते है। हममें जो  लेखक हैं, अकेले रहना उनका स्वधर्म है, लेखन मानी अपनी काया छोड़ अपने गढ़े किरदार में प्रवेश करे, लेखन तक को उसकी मर्जी पर छोड़ दे।  पता नहीं  पाठक मिले  या नहीं। जो अकेले रहने को तैयार हो वही किताब पढ़ता है। 
आजकल लोग अकेले होने से डरने लगे है। तभी न नेता को राजा बनाते हैं।करे जो करना है वही, हम पांच किलो मुफ्त अनाज ले कर खुश हैं। 



बस ….तभी सीता को बनवास होता है। राजा धोबी के सिर दोष मढ़ कर सुर्खरू होता है। तानाशाही की शुरुआत होती है। जो बोलेगा मारा जाएगा ….पहले कौन फर्क नहीं पड़ता…पत्रकार, नौकरशाह, लेखक, दलित, अल्पसंख्यक, औरत, बुद्धिजीवी, संगीतज्ञ, नर्तक,  ट्रांसजेंडर, सबकी बारी आएगी। गर्भवती सीता वन को जाएगी। खुद धरती में समाएगी। राजा पर दोष नहीं आएगा।

जग भलाई के लिए राजा चुनाव  का मंहगा किस्सा खत्म करेगा। अब नेता की जरूरत जो नहीं रही। हम उसे  राजा बना चुके।

(ये लेखक के अपने विचार हैं।)

००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
कहानी : भीगते साये — अजय रोहिल्ला
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
थोड़ा-सा सुख - अनामिका अनु की हिंदी कहानी
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025
मन्नू भंडारी की कहानी — 'रानी माँ का चबूतरा' | Manu Bhandari Short Story in Hindi - 'Rani Maa ka Chabutra'
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया