अमर उजाला शब्द सम्मान #ShabdSamman | #Shabdankan #Hindi #Award


शब्द होंगे सम्मानित




नई दिल्ली। साहित्य के सम्मान के लिए अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए समाचार पत्र अमर उजाला इस साल से साहित्य अलंकरण अमर उजाला शब्द सम्मान की शुरुआत कर रहा है। इसके तहत सतत रचनात्मकता के लिए हिंदी और एक अन्य भारतीय भाषा में पांच-पांच लाख रुपये के दो सर्वोच्च अलंकरण आकाशदीप दिए जाएंगे। इसके अलावा तीन अन्य तरह के पुरस्कार भी दिए जाएंगे, जिसमें थाप के तहत हिन्दी में किसी भी लेखक की पहली पुस्तक के लिए एक लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। छाप के तहत तीन विधाओं में तीन कृतियों; कविताए, कथा और गैर कथाद्ध के लिए एक-एक लाख रुपये के तीन साहित्य सम्मान दिए जाएंगे। साथ ही भाषा बंधु के तहत भारतीय भाषाओं में वर्ष की सर्वश्रेष्ठ अनूदित कृति के लिए एक लाख रुपये का सम्मान दिया जाएगा। इस तरह अमर उजाला ने कुल मिलाकर 15 लाख रुपये के सात शब्द सम्मान  स्थापित किए हैं।

पुरस्कार पाने के इच्छुक लेखकों को 10 मई 2018 तक नियमों व शर्तों सहित प्रस्ताव पत्र भेजने होंगे। अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा गठित निर्णायक मंडल सम्मान देने के लिए कृतियों का चयन करेगा। इससे संबंधित पूरी जानकारी shabdsamman.amarujala.com पर उपलब्ध है, डाउनलोड कीजिये http://bit.ly/AUSS18

साहित्य के लिए अमर उजाला द्वारा की गई इस पहल का पोस्टर जारी करते हुए कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने कहा कि इससे साहित्यकारों को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलेगी तथा नए साहित्यकार भी सामने आएंगे। वरिष्ठ लेखिका नयनतारा सहगल, वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह,  चर्चित लेखिका तस्लीमा नसरीन, रस्किन बांड, रामदरश मिश्र, काशीनाथ सिंह, लीलाधर जगूड़ी, शम्सुर्रहमान फारूकी, सुरजीत पातर, शेखर जोशी, काजी अब्दुल सत्तार आदि ने विभिन्न शहरों में इसके पोस्टर जारी किए।




अनुदेश

  • अमर उजाला शब्द सम्मान-2018 के लिए श्रेष्ठ कृतियों की प्रकाशन अवधि वर्ष 2017 निर्धारित की गई है।
  • सर्वोच्च सम्मान के लिए किसी भी भारतीय रचनाकार के समग्र अवदान को रेखांकित करने वाले विवरण के साथ अनुशंसाएं भेजी जा सकती हैं। 
  • किसी भी सम्मान के लिए कोई आयु सीमा नहीं है
  • पुरस्कार के लिए प्रस्ताव कोई भी भारतीय नागरिक कर सकता है। ये प्रकाशक, किन्हीं मर्मज्ञ या संस्था द्वारा भी भेजे जा सकते हैं। हिंदीतर भाषाओं पर प्रस्तावों के साथ मूल प्रति के साथ-साथ उसका हिंदी या अंग्रेजी में उपलब्ध अनुवाद, पुस्तक का सारांश और लेखन का विस्तृत परिचय अवश्य प्रेषित करें। |
  • प्रस्ताव प्रपत्र http://bit.ly/AUSS18  से भी डाउनलोड किए जा सकते हैं। 
  • यदि किसी वर्ष निर्णायक मंडल की दृष्टि में कोई प्रस्ताव पुरस्कार के योग्य नहीं पाया जाता है तो उस वर्ष पुरस्कार नहीं भी दिया जा सकता है। 
  • हिंदी के अलावा, जो अन्य भाषा पुरस्कृत होती है, वह अगले दो वर्ष के लिए विचारार्थ नहीं ली जाएगी। 
  • एक प्रस्ताव प्रपत्र पर किसी भी एक साहित्यकार के नाम की ही संस्तुति मान्य होगी। निर्धारित तिथि के उपरांत प्राप्त प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जाएगा।
  • पहली किताब को छोड़कर (जिसमें प्रथम कृति का घोषणा-पत्र सम्मिलित है), अन्य पुरस्कारों के लिए स्वयं के प्रस्तावित नाम पर विचार नहीं किया जाएगा, न ही दिवंगत साहित्यकार का नाम विचारार्थ लिया जाएगा। 
  • सम्मान या कृति विशेष के संदर्भ में संपर्क, प्रभाव, प्रतिवाद संबंधित प्रस्ताव को स्वतः अमान्य कर सकता है। 
  • निर्णायक मंडल द्वारा केवल नियत तिथि तक प्राप्त प्रस्ताव-प्रपत्रों पर विचार किया जाएगा। निर्णायक चयन के लिए आए प्रस्तावों के अतिरिक्त भी अन्य उपयुक्त प्रस्तावों पर विचार कर सकते हैं। अमर उजाला फाउंडेशन एवं निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम और सर्वमान्य होगा।
  • प्रस्ताव निर्धारित प्रपत्र के साथ नीचे दिए गए पते पर 10 मई, 2018 तक अवश्य पहुंच जाने चाहिए। कवर पर यह स्पष्ट रूप से अंकित करें कि प्रस्ताव किस श्रेणी के लिए है। 
संयोजक,
अमर उजाला शब्द सम्मान,
अमर उजाला फाउंडेशन,
सी-21/22, सेक्टर-59,
नोएडा-201301
शब्दांकन Shabdankan

००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर जानकारी उपयोगी हर साहित्यकार और रचनाकारों के हित मे ।
    साधुवाद ।

    जवाब देंहटाएं

ये पढ़ी हैं आपने?

मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Hindi Story: 'शतरंज के खिलाड़ी' — मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
आज का नीरो: राजेंद्र राजन की चार कविताएं
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
भारतीय उपक्रमी महिला — आरिफा जान | श्वेता यादव की रिपोर्ट | Indian Women Entrepreneur - Arifa Jan
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025