रश्मि शर्मा को आज मिल रहा है शैलप्रिया स्मृति सम्मान



Rashmi Sharma is getting Shailpriya Smriti Samman today

1 मई, 2022

झारखंड की युवा लेखिका रश्मि शर्मा को आज शाम 4 बजे रांची प्रेस क्लब के सभागार में शैलप्रिया सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। 

इस सम्मान की राशि ₹15,000 है। शैलप्रिया झारखंड के सामाजिक साहित्यिक परिदृश्य में एक दौर में बड़ी सक्रियता के साथ कई मोर्चों पर संलग्न रहीं। उनके जीवनकाल में ही उनके कई कविता संग्रह , 'अपने लिए', 'चांदनी आग है' और 'घर की तलाश में यात्रा' प्रकाशित हो चुके थे। एक दिसंबर 1994 को सिर्फ़ 48 वर्ष की उम्र में वे कैंसर की चपेट में आकर चल बसीं। उनकी स्मृति में हर वर्ष महिला लेखन के लिए एक सम्मान आयोजन की श्रृंखला में यह छठा आयोजन है। 

हिंदी प्रदेश में इस सम्मान का अपना एक गरिमापूर्ण स्थान है। रश्मि शर्मा से पहले यह सम्मान निर्मला पुतुल, नीलेश रघुवंशी, अनिता रश्मि, अनीता वर्मा और वंदना टेटे को मिल चुका है। इन आयोजनों में पहले मंगलेश डबराल, अलका सरावगी, आलोक धन्वा, सी भास्कर राव, शंभु बादल मनमोहन पाठक और खगेंद्र ठाकुर जैसे सुख्यात नाम शामिल हो चुके हैं। इस बार के आयोजन की अध्यक्षता झारखंड की हिंदी पत्रकारिता के आदि पुरुष बलबीर दत्त कर रहे हैं और मुख्य अतिथि जाने-माने आलोचक डॉ रविभूषण हैं। 

रश्मि शर्मा पिछले कई वर्षों से अपनी सक्रियता से हिंदी प्रदेश में अपनी उपस्थिति का भान कराती रही हैं। इन वर्षों में उनके तीन कविता संग्रह 'नदी को सोचने दो', 'मन हुआ पलाश' और 'वक़्त की अलगनी पर' प्रकाशित हो चुके हैं और बिल्कुल हाल में उनका कहानी संग्रह 'बंद कोठरी का दरवाजा' छप कर‌ आया है। इस सम्मान समारोह के अवसर पर एक महिला काव्य गोष्ठी भी हो रही है जिसमें वंदना टेटे, मुक्ति शाहदेव,‌‌‌‌‌‌‌ अनिता रश्मि, संगीता कुजारा टाक,‌ सत्या शर्मा कीर्ति, रेणु त्रिवेदी मिश्र और अनामिका प्रिया शामिल हो रही हैं।
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: 'शतरंज के खिलाड़ी' — मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी
आज का नीरो: राजेंद्र राजन की चार कविताएं
भारतीय उपक्रमी महिला — आरिफा जान | श्वेता यादव की रिपोर्ट | Indian Women Entrepreneur - Arifa Jan
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
कोरोना से पहले भी संक्रामक बीमारी से जूझी है ब्रिटिश दिल्ली —  नलिन चौहान
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025