दस्तख़त शीरीं-फ़रहाद, लैला-मजनू, जसमा-ओडन, देवदास-पारो आदि, त्याग, मृत्यु और समर्पण की लोमहर्षक कृतिया…
आगे पढ़ें »इस बात को ज़्यादा वक्त नहीं हुआ, जब भारत के अधिसंख्य नगरों में यातायात के साधन इक्के और ताँगे और बाइसिकल ही हुआ करते थे। उससे भी पहले घोड़ों और हाथ…
आगे पढ़ें »फेसबुक किसी महानगर के उपनगर की तरह हैं। इसमें अट्टालिकाएँ हैं, मॉल, बार और मैट्रो के अलावा हर माडल की गाडिय़ाँ, टैक्सियाँ, मोटर साइकल, स्कूटर, ऑटो,…
आगे पढ़ें »जिस गति से वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति हो रही है, नयी से नयी तकनीकि का आविष्कार हो रहा है, संचार में अभूतपूर्व क्रान्ति आयी है, उस गति से हमारे सम…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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