अपनी सोच को विस्तार देने की गति को निरंतर बढ़ाना और उनसे जन्मे विचारों को शब्दों में परिवर्तित करने की कला को लगातार निखारना और समन्वय रखना मुश्कि…
आगे पढ़ें »कुछ रोज़ पहले हतप्रभ था कि लोग बीते दिनों आसाम में हुई हत्याओं की तुलना पेशावर में हुई बच्चों की हत्या से अजीब ढंग से कर रहे थे, समझ नहीं आया कि क्या…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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