परिचय: प्रेम शर्मा

प्रेम शर्मा  Prem Sharma

७ नवम्बर, १९३४ - ७ जून, २००३ 

प्रेम शर्मा

प्रेम शर्मा अपने ज़माने के लोकप्रिय गीतकार थे. 2003 में उनका निधन हो गया. 2005 में उनका एकमात्र संग्रह "ना वे रथवान रहे" मरणोपरांत प्रकाशित हुआ, जिसका श्रेय उनकी बेटियों -ऋतु और ऋचा तथा बड़े दामाद रोमेल मुद्राराक्षस को जाता है. 
 जन्म:  ७ नवम्बर, १९३४ को मेरठ शहर में
शिक्षा: मेरठ विश्विद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर
 विवाह: नवम्बर, १९६२ में कुसुम से
१९६५ से गाज़ियाबाद के शम्भूदयाल इंटर कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन
१९८९ से सेवानिवृत्ति तक उपरोक्त विद्यालय के प्रधानाचार्य पद पर आसीन
१९६२ से हिंदी की श्रेष्ठ पत्रिकाओं यथा ज्ञानोदय, धर्मयुग, कादम्बिनी एवं साप्ताहिक हिंदुस्तान आदि में गीत, रचनाओं का प्रकाशन
आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के साहित्यिक कार्यक्रमों में अनेक रचनाओं का प्रसारण
७ जून, २००३ को गाज़ियाबाद में निधन

काव्य संकलन : प्रेम शर्मा

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: 'शतरंज के खिलाड़ी' — मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी
आज का नीरो: राजेंद्र राजन की चार कविताएं
भारतीय उपक्रमी महिला — आरिफा जान | श्वेता यादव की रिपोर्ट | Indian Women Entrepreneur - Arifa Jan
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025