काव्य संकलन : प्रेम शर्मा

prem sharma lyricist प्रेम शर्मा गीतकार कवि Rituparna Mudra Rakshasa

७ नवम्बर, १९३४ - ७ जून, २००३

प्रेम शर्मा अपने ज़माने के लोकप्रिय गीतकार थे. 2003 में उनका निधन हो गया. 2005 में उनका एकमात्र संग्रह "ना वे रथवान रहे" मरणोपरांत प्रकाशित हुआ.
...विस्तृत परिचय

रचनाएँ

  1.   गन्धवाह-सा बौराया मन
  2.   हर चेहरा जलहीन नदी-सा
  3.   युग संध्या: एक शोक गीत
  4.   सुन मेरे गीतों के पियवा
  5.   हम जाने या राम !
  6.   तू न जिया न मरा !
  7.   ना वे रथवान रहे.(एक गीति संवाद)
  8.   बदले मन के प्रसंग
  9.   सुन भाई हर्गुनिया, निर्गुनिया फाग
  10.   बापू के देश !
  11.   मन-पाखी बेचैन
  12.   अग्नि प्रणाम
  13.   जीव गान
  14.   हंस गान
  15.   घोड़ों का अर्ज़ीनामा
  16.   बयाने बादाकश !
  17.   पुलिया पर बैठा बूढ़ा

काव्य संकलन : प्रेम शर्मा

prem sharma lyricist प्रेम शर्मा गीतकार कवि Rituparna Mudra Rakshasa

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: 'शतरंज के खिलाड़ी' — मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी
आज का नीरो: राजेंद्र राजन की चार कविताएं
भारतीय उपक्रमी महिला — आरिफा जान | श्वेता यादव की रिपोर्ट | Indian Women Entrepreneur - Arifa Jan
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025