ओमप्रकाश वालमीकि के निधन पर शोकसभा | Condolence Meeting for Omprakash Valmiki

दलित साहित्य के अहम हस्ताक्षर ओमप्रकाश वाल्मीकि के निधन पर रमणिका फाउंडेशन, जनवादी लेखक संघ और दलित लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में रमणिका फाउंडेशन के ए-221 स्थित आवासीय कार्यालय में एक शोकसभा का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली और आसपास के 30 से ज्यादा साहित्यकारों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

उल्लेख्य है कि स्व. वाल्मीकि जी का जन्म 30 जून 1950 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के बरला गांव में हुआ था। 17 नवंबर 2013 को उनका निधन हो गया। वक्ताओं ने इसे हिन्दी साहित्य की अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दी पट्टी में दलित साहित्य को अपनी रचनाओं के जरिये स्थापित करने का काम ओमप्रकाश वालमीकि ने किया। उनकी आत्मकथा जूठन ने राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दलित साहित्य को पहचान दिलाई। वक्ताओं ने वालमीकि जी के साथ जुड़े अपने संस्मरण सुनाये, उनके साहित्य सृजन पर अपने विचार रखे। दिवंगत आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन रखा। रमणिका गुप्ता जी ने उनके मिशन के प्रति आस्था प्रकट करते हुए उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

शोकसभा को प्रो एमपी शर्मा, जनवादी लेखक संघ के महासचिव चंचल चौहान, हेमलता माहेश्वर, महेश कुमार, संजीव कुमार, सत्यानंद निरूपम, अशोक माहेश्वरी, अनिता भारती, धर्मवीर सिंह, सरोज श्रीवास्तव स्वाति, अनीता सोनी, अंजली देशपांडे, सरोज कुमार महानंदा, भगवान प्रसाद श्रीवास्तव, भरत तिवारी, जितेंद्र श्रीवास्तव, जवरीमल्ल पारख, मदन कश्यप, कृष्ण परख, रमेश मंगी, हीरालाल राजस्थानी, केपी मौर्य, विमल सरकार, शिखा गुप्ता, ओम सिंह अशफाक, मित्र रंजन, अनामिका आर्या,डा. पूरन सिन्हा, डा. अभय कुमार सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। शोकसभा का संचालन अजय नावरिया ने किया.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: 'शतरंज के खिलाड़ी' — मुंशी प्रेमचंद की हिन्दी कहानी
आज का नीरो: राजेंद्र राजन की चार कविताएं
भारतीय उपक्रमी महिला — आरिफा जान | श्वेता यादव की रिपोर्ट | Indian Women Entrepreneur - Arifa Jan
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी
ईदगाह: मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी | Idgah by Munshi Premchand for Eid 2025