जयश्री रॉय और प्रमोद राय को 'राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान' 2020-21

वर्ष 2020-21 का ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’ संयुक्त रूप से जयश्री रॉय और प्रमोद राय को 


वर्ष 2020-21 का ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’ जयश्री रॉय और प्रमोद राय को संयुक्त रूप से देने का फैसला किया गया है। साहित्यिक पत्रिका हंस के संपादक मंडल और निर्णायकों ने अगस्त 2020 से जुलाई 2021 के दौरान हंस में प्रकाशित कहानियों में से जयश्री रॉय की कहानी ‘मां का कमरा’ और प्रमोद राय की कहानी ‘ कंपनी की बीवी’ को सर्वाधिक योग्य पाया और पुरस्कार के लिए संयुक्त रूप से उनका चयन किया। पहले ‘हंस कथा सम्मान’ के रूप में दिया जाता रहा यह पुरस्कार 2013 में हंस के संपादक राजेंद्र यादव के निधन के बाद से ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’ के तौर पर हर साल उनके जन्मदिन 28 अगस्त को चयनित कहानीकारों को प्रदान किया जाता है। 

हजारीबाग में जन्मी और गोवा को कर्मभूमि बनाने वाली जयश्री रॉय लंबे समय से कहानियां और उपन्यास लिखती रही हैं। वह स्त्री चेतना व विमर्श के साहित्य में अच्छा खासा दखल रखती हैं। उनकी पुरस्कृत कहानी ‘मां का कमरा’ भी एक स्त्री की चेतना और अंतर्दशा को बदलते वक्त के सांचे में देखने और महीन कथारेशों से पिरोने वाली कृति है। 

प्रमोद राय की कहानी ‘कंपनी की बीवी’ देश और समाज में आ रहे आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी बदलावों के त्रासद पहलुओं को उजागर करती है। आर्थिक विषमता, सांप्रदायिक विभेद और सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर यह कहानी सशक्त प्रहार करती है। बिहार में जन्मे प्रमोद राय दिल्ली में पत्रकारिता करते रहे हैं और लगभग सभी शीर्ष पत्रिकाओं में उनकी कहानियां छप चुकी हैं।

इसके पहले यह पुरस्कार किरण सिंह (संझा), आकांक्षा पारे (कंट्रोल अल्ट डिलीट) और टेकचंद (मोर का पंख) को संयुक्त रूप से, प्रकृति करगेती(ठहरे हुए लोग), पंकज सुबीर(चौपड़े की चुड़ैलें) और योगिता यादव (राजधानी के भीतर) को संयुक्त रूप से, कैलास वानखेड़े(जस्ट डांस), प्रत्यक्षा(बारिश के देवता), अनिल यादव (गौसेवक), प्रीति प्रकाश (राम को जन्मभूमि मिलनी चाहिए) और रामेश्वर (राष्ट्रपति का दत्तक) को संयुक्त रूप से दिया जा चुका है। 2013 से पहले भी यह पुरस्कार कई साहित्यिक प्रतिभाओं को मिल चुका है जो आगे चलकर हिंदी कथा साहित्य में बड़े हस्ताक्षर साबित हुए ।
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
कहानी: छोटे-छोटे ताजमहल - राजेन्द्र यादव | Rajendra Yadav's Kahani 'Chhote-Chhote Tajmahal'
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी