मेरी रक्षा करो, मैं हिन्दू हूँ ― भरत तिवारी




मेरी रक्षा करो, मैं हिन्दू हूँ 

― भरत तिवारी 

जब हिंदुओं के लिए बड़ी समस्या मुसलमान है न कि ग़रीबी, रोज़गार, बलात्कार।

जब यह तय कर लिया गया है कि जानते हुए भी झूठ को सच कहा जायेगा।




जब रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में नोटबंदी से आयी दिक्कतों को यह कहते हुए झेल लिया जायेगा कि अच्छे के लिए हो रहा है।

जब वादा करने वाला, वादे को वादा मानने से इंकार करे मगर अधिकतर हिन्दू फिर भी उसकी बातों को वादा ही मानें।

जब देश के अधिकतर हिन्दू, ये मान रहें हैं कि उनके लिए सबसे बड़ा ख़तरा मुसलमान ही है और कि उनकी रक्षा एक मोदीजी ही कर सकते हैं।

इसलिए मैं तब ज़रूर ही मूर्ख होऊंगा जब अपने महान हिन्दू धर्म के भाइयों को गलत कहूँ। आज से कोशिश होगी कि बस मुसलमान को ही दुश्मन मानूँ।

― भरत तिवारी 

(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
इरफ़ान ख़ान, गहरी आंखों और समंदर-सी प्रतिभा वाला कलाकार  — यूनुस ख़ान
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
ज़ेहाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल Zehaal-e-miskeen makun taghaful زحالِ مسکیں مکن تغافل
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
एक पेड़ की मौत: अलका सरावगी की हिंदी कहानी | 2025 पर्यावरण चेतना
Hindi Story आय विल कॉल यू! — मोबाइल फोन, सेक्स और रूपा सिंह की हिंदी कहानी
रेणु हुसैन की 5 गज़लें और परिचय: प्रेम और संवेदना की शायरी | Shabdankan
कहानी: छोटे-छोटे ताजमहल - राजेन्द्र यादव | Rajendra Yadav's Kahani 'Chhote-Chhote Tajmahal'
गिरिराज किशोर : स्मृतियां और अवदान — रवीन्द्र त्रिपाठी