आपके (महेश शर्मा) मंत्रालय द्वारा दिया गया यह शपथ पत्र न केवल कोहिनूर हीरे से जुड़ी देश की भावना के विपरीत है बल्कि तथ्यहीन भी है
— कपिल मिश्रा
आदरणीय महेश शर्मा जी
कुछ दिन पहले आपके मंत्रालय की तरफ से माननीय उच्चतम न्यायालय में विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरे से भारत का हक़ हटवाने संबंधी एक एफिडेविट दिया गया जिस पर स्वयं उच्चतम न्यायालय ने पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
मैं पत्र यह बताने की लिए लिख रहा हूँ कि आपके मंत्रालय द्वारा दिया गया यह शपथ पत्र न केवल कोहिनूर हीरे से जुड़ी देश की भावना के विपरीत है बल्कि तथ्यहीन भी है।
भारत के इतिहास की समझ रखने वाले लोग भी हैरान है कि आखिर क्या कारण है जो अचानक केंद्र सरकार इस बहुमूल्य हीरे पर से देश का हक़ सदा सदा के लिए ख़त्म करने की जल्दबाजी में है।
आपकी ही सरकार के कुछ अन्य स्रोत मीडिया में बता रहे है कि कोर्ट में दिया गया शपथ पत्र गलत है व सरकार कोहिनूर हीरे को भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
किसी भी देश की सरकार के लिए ये बड़ी शर्मनाक स्तिथी है। एक ऐतिहासिक धरोहर व राष्ट्रीय पहचान के मुद्दे पर सरकार को यहीं नहीं मालूम की उसकी नीति क्या है??
यहाँ में आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि कोहिनूर हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी ने किन हालातो में हासिल किया इस पर कई तरह के तथ्य मौजूद है और भारत की जनता जानती तथा मानती है कि इस को छल व बल पूर्वक लिया गया था। आप कृपया आधिकारिक तौर पर इसे उपहार में दिया गया बताकर पूरे देश के साथ धोखा मत कीजिये।
मैं यह चेताना चाहता हूँ कि अनजाने में या जानबूझकर कहीं न कहीं आपकी सरकार देश की विरासत व इतिहास के साथ एक बड़ा धोखा कर रही है यह किसी भी स्वाभिमानी देश के लोगो को मंजूर नहीं होगा।
याद रखिये आज पाकिस्तान भी कोहिनूर हीरे पर अपना हक़ जता रहा है और भारत द्वारा हक़ छोड़ने से पाकिस्तान इस हीरे पर अपने हक़ पर ओर जोर देगा।
आप इस शपथ पत्र को तुरंत वापस ले व कोहिनूर हीरे के सम्बन्ध में आपकी सरकार की क्या नीति है इस बारे में देश को विश्वास में ले।
धन्यवाद
आपका शुभेच्छु
कपिल मिश्रा
मैं पत्र यह बताने की लिए लिख रहा हूँ कि आपके मंत्रालय द्वारा दिया गया यह शपथ पत्र न केवल कोहिनूर हीरे से जुड़ी देश की भावना के विपरीत है बल्कि तथ्यहीन भी है।
भारत के इतिहास की समझ रखने वाले लोग भी हैरान है कि आखिर क्या कारण है जो अचानक केंद्र सरकार इस बहुमूल्य हीरे पर से देश का हक़ सदा सदा के लिए ख़त्म करने की जल्दबाजी में है।
आपकी ही सरकार के कुछ अन्य स्रोत मीडिया में बता रहे है कि कोर्ट में दिया गया शपथ पत्र गलत है व सरकार कोहिनूर हीरे को भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
किसी भी देश की सरकार के लिए ये बड़ी शर्मनाक स्तिथी है। एक ऐतिहासिक धरोहर व राष्ट्रीय पहचान के मुद्दे पर सरकार को यहीं नहीं मालूम की उसकी नीति क्या है??
यहाँ में आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि कोहिनूर हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी ने किन हालातो में हासिल किया इस पर कई तरह के तथ्य मौजूद है और भारत की जनता जानती तथा मानती है कि इस को छल व बल पूर्वक लिया गया था। आप कृपया आधिकारिक तौर पर इसे उपहार में दिया गया बताकर पूरे देश के साथ धोखा मत कीजिये।
मैं यह चेताना चाहता हूँ कि अनजाने में या जानबूझकर कहीं न कहीं आपकी सरकार देश की विरासत व इतिहास के साथ एक बड़ा धोखा कर रही है यह किसी भी स्वाभिमानी देश के लोगो को मंजूर नहीं होगा।
याद रखिये आज पाकिस्तान भी कोहिनूर हीरे पर अपना हक़ जता रहा है और भारत द्वारा हक़ छोड़ने से पाकिस्तान इस हीरे पर अपने हक़ पर ओर जोर देगा।
आप इस शपथ पत्र को तुरंत वापस ले व कोहिनूर हीरे के सम्बन्ध में आपकी सरकार की क्या नीति है इस बारे में देश को विश्वास में ले।
धन्यवाद
आपका शुभेच्छु
कपिल मिश्रा
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