(ADVT)‘लमही’ का जनवरी-मार्च 2014 का अंक ओम निश्चल और अमिताभ राय के सम्पादन में ‘औपन्यासिक’ शीर्षक से प्रकाशित हो रहा है। कथा साहित्य आज की प्रमुख विधा है और उपन्यास इसका मुख्य घटक है।भूमण्डलीकरण एक वैश्विक घटना है जिसके पक्ष और विपक्ष में मानव और उससे सम्बद्ध विभिन्न संस्थाओं को प्रभावित किया है। समाज संस्कृति राजनीति जीवन शैली और साहित्य आदि सभी भूमण्डलीकरण की इस प्रक्रिया से अछूते नहीं रहे हैं।
कृपया अपनी प्रति अभी से आरक्षित करवा लें।विशेषांक की एक प्रति का मूल्य ₹ 50/- मात्र है।
आजीवन सदस्यता के लिए ₹ 1000/-(शुल्क) , लमही (LAMAHI) के नाम का बैंक ड्राफ्ट " 3/343, विवेक खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ - 226 010 (उत्तर प्रदेश) " पर भेजें. संपर्क: vijairai.lamahi@gmail.com
उपन्यास की संरचना शैली विषय चुने गये विषयों के प्रति लेखकों के ट्रीटमेंट में आज पर्याप्त अंतर आया है। इस परिप्रेक्ष्य में आज उपन्यासों के मूल्यांकन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।‘लमही’ इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर ‘औपन्यासिक’ शीर्षक से यह विशेषांक प्रस्तुत कर रहा है।
3 टिप्पणियाँ
lamahi prtrika wale koi responce hi nahi dete
जवाब देंहटाएंशशिकांत सिंह शशि जी। ऐसा नही है। आप प्रधान संपादक श्री विजय राय जी से उनके फोन या मेल: vijairai.lamahi@gmail.com
जवाब देंहटाएंफोन: 09454501011 पर संपर्क करें/ वे निश्चय ही उत्तर देंगे। कोई अन्य बात हो तो मुझसे(ओम निश्चल) से भी कह सकते हैं। मेल आई डी है: omnishchal@gmail.com
आपका सदैव स्वागत है।
शुभकामनायें
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