लमही का जनवरी-जून (संयुक्तांक) विशेष अंक कथाकार और एंथ्रोपॉलजिस्ट प्रबोध कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित हैl कुछ लोग प्रबोध कुमार के …
Amrit Rai, the younger son of Munshi Premchand मानव मन की विसंगतियों, परतों, अंधेरों, उजियारों का जैसा ज्ञान अमृतराय को है वह अमृत राय की रचनाओं में…
जाता हूं और अकेले एक कप कॉफी लेकर कॉफी हाउस में बैठा रहता हूं। बाहर किसके लिए झांकता रहता हूं जबकि सब लोग एक-एक करके निकल गए। किस…
इधर बहुत तेज़ी से हर वर्ग में मुनाफे का खेल पनपा है, उसने सबसे ज्यादा हमारी संवेदनाओं को नुकसान पहुंचाया है। आज हर वस्तु की कीमत है। मनुष्य भी वस्तु…
युवा से युवतर होते रचनाकारों के उपन्यास का आकार भी छोटा होता जा रहा है जबकि इसके विपरीत कहानियों का औसत आकार बढ़ रहा है । कहानी का आकार क्यों बढ़ रह…
( ADVT ) कृपया अपनी प्रति अभी से आरक्षित करवा लें।विशेषांक की एक प्रति का मूल्य ₹ 50/- मात्र है। आजीवन सदस्यता के लिए ₹ 1000/-(शुल्क) , लमही (L…
यथार्थवाद और नवजागरण : व्यक्ति की महानता की त्रसद परिणति-कथा - अमिताभ राय चंद्रधर शर्मा गुलेरी के अनुसार उनके समकालीन दो प्रकार की र…
दुनिया की किसी भी भाषा के साहित्य की सामाजिक परिवर्तन में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती । साहित्य हमेशा से सामाजिक परिवर्तन में अपनी अप्रत्यक्ष भूम…
जून 24, 2013, लखनऊ से प्रकाशित होने वाली पत्रिका शब्दसत्ता का पहला शब्दसत्ता सम्मान ' लमही ' पत्रिका के संपादक विजय राय को मिला. शब्दां…