
तर्ज बदलिए
Poem by Krishna Sobti
गुमशुदा घोड़े पर सवार
हमारी सरकार
नागरिकों को तानाशाही
से
लामबंदी क्यूँ करती है
और फिर
दौलतमंदों की
सलामबंदी क्यों करती है
सरकारें
क्यूँ भूल जाती हैं
कि हमारा राष्ट्र एक लोकतंत्र है
और यहाँ का नागरिक
गुलाम दास नहीं
वो लोकतान्त्रिक राष्ट्र भारत महादेश का
स्वाभिमानी नागरिक है
सियासत की यह तर्ज बदलिए
कृष्णा सोबती
18/11/2016
नई दिल्ली
हमारी सरकार
नागरिकों को तानाशाही
से
लामबंदी क्यूँ करती है
और फिर
दौलतमंदों की
सलामबंदी क्यों करती है
सरकारें
क्यूँ भूल जाती हैं
कि हमारा राष्ट्र एक लोकतंत्र है
और यहाँ का नागरिक
गुलाम दास नहीं
वो लोकतान्त्रिक राष्ट्र भारत महादेश का
स्वाभिमानी नागरिक है
सियासत की यह तर्ज बदलिए
कृष्णा सोबती
18/11/2016
नई दिल्ली
वादों की कोई जांच परख नहीं होनी — शेखर गुप्ता
लाईन मे लगकर मरने मे कौनसी गरिमा है – अभिसार शर्मा
००००००००००००००००
1 टिप्पणियाँ
बहुत अच्छी रचना है ये कृष्णा सोबती जी कस
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