दामिनी यादव की कविताओं की आग से ज़ेहन को बेधने वाली चिंगारियाँ निकल रही होती हैं। पढ़िए उनकी दो ताज़ा कविताएं ~ सं०
बस 2 मिनट बोलो :: असग़र वजाहत बस 2 मिनट बोलो 2 मिनट में अपना सारा दुख सुख अपनी व्यथा अपना दर्द अपना भूत और अपना भविष्य कह डालो 2 …
प्रेमा झा : कवितायेँ और कहानियाँ देश की प्रतीष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। चर्चित रचनाओं में लव जेहाद, ककनूस, बंद दरवाज़ा, हवा महल और …
एक-से-बढ़कर-एक: बेहतरीन अनुदित कवितायेँ — प्रकाश के रे Poem of Bertolt Brecht in Hindi, translation: Prakash K Ray 1 बर्तोल्…
अचानक — बगैर किसी पूर्वयोजना के (इम्प्राम्प्टू) — ही जब कभी मैंने किसी कवि को रिकॉर्ड किया हो, वह कविता.. #PoetryI…
छूट गयी डाल — प्रयाग शुक्ल हाथ से छूट गयी डाल कहती हुई मानो, नहीं, और मत तोड़ो फूल बहुत हैं जितने हैं हाथ में कुछ कल की सुगंध के…
चित्रकार जे स्वामीनाथन की 90वीं जयंती को प्रयाग शुक्ल जी ने, 21 जून को, बहुत करीने और बहुत दिल से कनॉट प्लेस, दिल्ली में मौजूद देश की प्रा…
तेरह बरस की लड़की | हकलाहट के सच्चिदानंदन की दो कवितायेँ प्रकाश के रे मलयालम साहित्य में मॉडर्निज़्म के सशक्त हस्ताक्षर किय्यमपरम्…
गुड़गाँव के एक स्कूल में सात साल के प्रद्युम्न की हत्या बड़ी बेरहमी से बाथरूम में कर दी गई... प्रेमा झा की 'प्रद्युम्न की माँ' …
धर्महीन — सोनिया बहुखंडी गौड़ स्त्री का अपना कोई धर्म नही होता सभी स्त्रियों की नही होती सुन्नत सिंक में बर्तन मांजते वक़्त बहते …