प्रेम शंकर शुक्ल की कविता "आग" #PoetryImpromptu


अचानक — बगैर किसी पूर्वयोजना के (इम्प्राम्प्टू) — ही जब कभी मैंने किसी कवि को रिकॉर्ड किया हो, वह कविता..

अचानक — बगैर किसी पूर्वयोजना के (इम्प्राम्प्टू) — ही जब कभी मैंने किसी कवि को रिकॉर्ड किया हो, वह कविता..



#PoetryImpromptu यानी अचानक — बगैर किसी पूर्वयोजना के (इम्प्राम्प्टू) — ही जब कभी मैंने किसी कवि को रिकॉर्ड किया हो, वह कविता..

प्रेम शंकर शुक्लजी से मिलने 'भारत भवन', भोपाल, उनके दफ़्तर, मित्र संदीप के साथ इसी वर्ष जनवरी में जाना हुआ. बात से बात निकलते-निकलते वह उनकी कविता के पास पहुंची...वहाँ वो कवितायेँ सुनने की तरफ़ जब गयी तो सुनते ही प्रसन्न हो गयी, और वहीँ ठहर के मुझे #कविता_इम्प्राम्प्टू रिकॉर्डिंग का आदेश दिया और रिजल्ट ये रहा...

प्रेम शंकर शुक्ल की कविता "आग"


धन्यवाद

Bharat R Tiwari
Posted by शब्दांकन Shabdankan on Thursday, July 12, 2018


००००००००००००००००

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

ये पढ़ी हैं आपने?

मैत्रेयी पुष्पा की कहानियाँ — 'पगला गई है भागवती!...'
Harvard, Columbia, Yale, Stanford, Tufts and other US university student & alumni STATEMENT ON POLICE BRUTALITY ON UNIVERSITY CAMPUSES
तू तौ वहां रह्यौ ऐ, कहानी सुनाय सकै जामिआ की — अशोक चक्रधर | #जामिया
कहानी ... प्लीज मम्मी, किल मी ! - प्रेम भारद्वाज
दो कवितायेँ - वत्सला पाण्डेय
ब्रिटेन में हिन्दी कविता कार्यशाला - तेजेंद्र शर्मा
Hindi Story: दादी माँ — शिवप्रसाद सिंह की कहानी | Dadi Maa By Shivprasad Singh
Hindi Story: कोई रिश्ता ना होगा तब — नीलिमा शर्मा की कहानी
विडियो में कविता: कौन जो बतलाये सच  — गिरधर राठी
चित्तकोबरा क्या है? पढ़िए मृदुला गर्ग के उपन्यास का अंश - कुछ क्षण अँधेरा और पल सकता है | Chitkobra Upanyas - Mridula Garg