'Freedom Fighter Ramchandra Nandwana Memorial Award' to Sopan Joshi
'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' दिल्ली निवासी युवा लेखक सोपान जोशी को उनकी चर्चित कृति 'जल थल मल' के लिए दिया जाएगा।
चित्तौड़गढ़। साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' की घोषणा कर दी गई है। संभावना के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि वर्ष 2022 के लिए 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' दिल्ली निवासी युवा लेखक सोपान जोशी को उनकी चर्चित कृति 'जल थल मल' के लिए दिया जाएगा। डॉ शर्मा ने बताया कि जोशी की यह कृति पर्यावरण और भारतीय पारम्परिक ज्ञान पद्धति पर नवोन्मेषी अध्ययन है जिसका महत्त्व इस बात में भी है कि गांधीवादी मूल्यों को आत्मसात कर किस तरह विकास और पर्यावरण के मध्य संतुलन बनाया जा सकता है। वाराणसी निवासी वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार प्रो काशीनाथ सिंह, भोपाल निवासी वरिष्ठ हिंदी कवि राजेश जोशी और जयपुर निवासी वरिष्ठ लेखक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल की चयन समिति ने सर्व सम्मति से इस कृति को सम्मान के योग्य पाया। काशीनाथ सिंह ने वक्तव्य में कहा कि युवा लेखक सोपान जोशी ने हिंदी में सर्वथा भिन्न विषय पर ऐसी किताब लिखकर साहित्य और भाषा के क्षेत्र में मूल्यवान योगदान किया है। उन्होंने कहा कि गांधी जी पर लिखी जाने अनेक पुस्तकों से अलग इस किताब में गांधी दृष्टि से संचालित एक युवा ने अछूते विषय को अध्ययन के लिए चुना है। राजेश जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि सोपान जोशी की कृति अनुपम मिश्र के पर्यावरण सम्बन्धी लेखन को आगे बढ़ाती है और इस मिथक को भी तोड़ती है कि हिंदी में गैर पारम्परिक विषयों पर किताबें नहीं लिखी जातीं। डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने अपनी अनुशंसा में कहा कि सोपान जोशी की इस कृति को अपनी सरल-सहज और प्रांजल गद्य भाषा के लिए भी याद किया जाएगा।
डॉ शर्मा ने बताया कि 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान' में कृति के लेखक को ग्यारह हजार रुपये, शाल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाता है। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में अक्टूबर माह में आयोज्य समारोह में वर्ष 2020 के लिए सम्मानित लेखक सुधीर विद्यार्थी, 2021 के लिए आलोचक बजरंग बिहारी तिवारी तथा इस वर्ष के सम्मानित लेखक सोपान जोशी को आमंत्रित किया जाएगा। संभावना द्वारा स्थापित इस पुरस्कार के संयोजक डॉ कनक जैन ने बताया कि राष्ट्रीय महत्त्व के इस सम्मान के लिए इस वर्ष गांधी दृष्टि पर आधारित कृतियों की अनुशंसा माँगी गई थी जिसमें देश भर से कुल बाइस कृतियां प्राप्त हुई थीं, जिनके आधार पर चयन समिति ने अपनी अनुशंसा में 'जल थल मल' को श्रेष्ठतम कृति घोषित किया। डॉ जैन ने बताया कि सोपान जोशी पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में अनेक वर्षों से सक्रिय हैं तथा इधर उन्होंने गांधी जी के जीवन पर आधारित पुस्तकों 'एक था मोहन' तथा 'बापू की पाती' का लेखन भी किया है। गांधी शांति प्रतिष्ठान में शोध अध्येता रहे सोपान जोशी पत्रकारिता और साहित्य जगत में अपने पर्यावरणीय सरोकारों के लिए जाने जाते हैं।
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