पाठक जब एकदम से लेखक के लिए चिंतित हो, और अपनी चिंता को संपादक के ज़रिये लेखक तक पहुंचाए, तब वह सिर्फ अपने लेखक से ही मुखातिब नहीं होता, वह उन स…
आगे पढ़ें »सबसे ज्यादा चिंताजनक इनके वो बेकाबू समर्थक हैं, जिनपर मैं नहीं बता सकता बीजेपी और उसकी सहयोगी संस्थाओं का काबू है या नहीं। — अभिसार शर्मा …
आगे पढ़ें »ये रात बहुत लम्बी है — अभिसार शर्मा मैं अभी भी उम्मीद करता हूँ, ईश्वर करे, गौरीलंकेश की हत्या का कारण, किसी निजी रंजिश का मामला निकल कर …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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