मृणाल पांडे के उपन्यास का अंश कहते हैं ऐसा लिखिए जो पहले न लिखा गया हो, जो बिलकुल नया हो...इस कहे को सुने तो सारा हिंदी-साहित्य-वर्ग है ल…
खुश्बू: रिस्क@इश्क... इरा टाक के रूमानी उपन्यास का अंंश शाज़िया के पास फिलहाल कोई चारा नहीं था. वो अनमनी सी मार्टिन के साथ कार से उतर …
द्रौपदी राजेश्वर वशिष्ठ के यहाँ अपनी आपबीती ख़ुद कहती हैं. द्रौपदी के कहे सच पर लिखे जा रहे उपन्यास 'याज्ञसेनी' का एक अंश प्रकाशित किया जा र…
शकुन्तला — स्मृति जाल उपन्यास अंश यह महाभारत की शकुन्तला की कथा नहीं, एक और शकुन्तला की कहानी है। नमिता गोखले की अपनी स्मृति और कल्प…
रामकुमार सिंह के उपन्यास ‘जेड प्लस’ का अंश "ज़ेड प्लस सिनेमा और साहित्य की दूरियों को पाटने का काम करेगी। इसकी भाषा पठनीय है। यह …
कितना फर्क है दिल्ली और पटना में - अर्पण कुमार नयी दिल्ली... देश भर से यहाँ छात्र अपनी अध्ययन-क़िस्मत जगाने के लिए आते हैं, किसी छोटे शह…
'माधो, मैं ऐसो अपराधी', उपन्यास 'हर्फ हर्फ मुलाकात' का अंश - अल्पना मिश्र ये सुनहरे दिन छोटे थे। छोटे इसलिए कि जल्दी बीत गए…