मजरुह सुल्तानपुरी 1 अक्टूबर 1919 − 24 मई 2000 चाक-ए-जिगर मुहताज-ए-रफ़ू है आज तो दामन सिर्फ़ लहू है एक मौसम था हम को रहा है शौक़-ए-बहाराँ तु…
आगे पढ़ें »आज है कैफ़ी की पुण्यतिथि प्यारका जश्न नई तरह मनाना होगा| गम किसी दिल में सही गम को मिटाना होगा| “कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जायेगी" …
आगे पढ़ें »राहुल एक जिजीविषा .... आज 9 अप्रैल, उनका जन्म दिन है - सुनील दत्ता आज के इस विराट पृथ्वी के फलक पर प्रकृति अपने गर्भ में अनेको रहस्य छ…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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