रोहित वेमुला ... मैं क्या कर सकता हूँ जिससे तुम्हारी आवाज़, मेरी आवाज़ बन के सब तक पहुंचे ... तुम्हारे ख़त को पढ़ते, समझते और अनुवा…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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