कल रात्रि एक बहुत ही सजीव स्वप्न देखा। स्वप्न के दो छोर थे। एक तरफ शब्द था, दूसरी तरफ भी शब्द ही था। दूर कहीं रेगिस्तान के बीचोबीच दौड़ती, हांफती,…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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