16 जनवरी की शाम एक खूबसूरत शाम थी, इसे खूबसूरत बनाया सुश्री ज़किया ज़ुबेरी जी , श्री तेजेंद्र शर्मा जी और साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ने और चार चाँद लगाया श्री राजेन्द्र यादव की उपस्थिति ने .
हालाँकि तबीयत अचानक ख़राब होने के कारण जाने न जाने पर असमंजस बना हुआ था ,पर इस बात ने कि वो लोग इंग्लैंड से यहाँ आ रहे हैं और हम अगर गाज़ियाबाद से भी दिल्ली न गए तो ये अच्छी बात नहीं होगी ,हमने जाने का मन बनाया और ईश्वर की कृपा हुई और तबीयत में भी कुछ सुधार हो गया ,पहुंचे तो साहित्य अकादमी के तृतीय तल के हाल के बाहर ही श्री तेजेंद्र शर्मा जी ने गर्मजोशी से स्वागत किया, दिल खुश हो गया.
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कहानियों के बाद सुश्री ज़किया ज़ुबेरी जी व श्री तेजेंद्र शर्मा जी ने श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर दिए.
कहानियों पर श्री राजेंद्र यादव, श्री असगर वजाहत, श्री दिविक रमेश , सुश्री शशि शर्मा , श्री रहमान मुसव्विर , सुश्री वंदना पुष्पेन्द्र, नित्यानंद तुषार,(कवि एवं संपादक `युग वंशिका`) , श्री विनोद सेठ आदि ने अपने विचार व्यक्त किये .
इसी कार्यक्रम में सुश्री ज़किया ज़ुबेरी जी के भाई श्री फिज़ा आज़मी की एक काव्य पुस्तक `तुम्हारे दुःख, हमारे ग़म` का भी विमोचन श्री राजेन्द्र यादव ,प्रसिद्ध कथाकार एवं संपादक हंस ने किया.
कार्यक्रम में अकादमी के सचिव श्री के .एस राव भी उपस्थित थे, इसके अलावा श्री ओम थानवी (संपादक - जनसत्ता), प्रेम भारद्वाज (संपादक पाखी) , दिविक रमेश, प्रेम जनमेजय, सुश्री सुमति, सुश्री सरिता शर्मा , वंदना यादव, रूपा सिंह, प्रेम सहजवाला, प्रदीप सौरभ, विवेक मिश्र,सुभाष चंदर ,भरत तिवारी, कनक चतुर्वेदी, शशि शर्मा , आनंद कुमार, सुनिधि शर्मा, विनीता शर्मा, बिपिन शर्मा , श्री उपेन्द्र राय, व अनेक गण्यमान्य लेखक, साहित्यकार आदि उपस्थित थे.
रिपोर्ट: नित्यानंद तुषार फोटो: भरत तिवारी
1 टिप्पणियाँ
नित्यानंद तुषार जी और भरत जी ने पुरे कार्यक्रम को अनंत जीवंत कर दिया है.....शब्दों के चित्र और छाया-चित्र एक दूसरे में रच-बस गए हैं..........सुंदर !
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