13 मार्च की दोपहर, तक़रीबन 3 बजे, जब मैंने साहित्य अकादमी सहित्योत्सव 2014 में मेघदूत परिसर, रवीन्द्र भवन में लगे पंडाल में प्रवेश किया - वहां 'युवा साहिति - भारतीय कविता: नई फ़सल' कार्यक्रम चल रहा था सामने कवि बलदेव वंशीजी काव्यपाठ कर रहे थे और मंच पर श्री बृजेन्द्र त्रिपाठी जी बैठे थे..
कविता खत्म होने पर बलदेव वंशीजी ने श्रोताओं को जिनमे अनेक कवि भी शामिल थे - को बताया कि कवितापाठ कैसे किया जाना चाहिए... और उदहारण में अपनी एक कविता का पाठ करके सुनाया... आपके लिए मैंने उस पाठ का वीडियो रिकॉर्ड कर डाला - आशा है कि आप कवियों तक इसका कुछ न कुछ लाभ ज़रूर पहुँचेगा...